सेहरे के गीत

बहू के स्वागत का गीत

बहू के स्वागत का गीत
मेरी बन्नो ससुर घर आइयाँ, मेरे ससुरजी ने लाड़ लड़ाइयाँ
मेरा थैली में हाथ घलाइयाँ, मेरी सासू ने लाड़ लड़ाइयाँ
घी-गुड़ में हाथ घलाइयाँ, मेरी ननदी ने लाड़ लड़ाइयाँ
सेजो पै पैर धराइयाँ, मेरे राजा ने लाड़ लड़ाइयाँ
मोहे बाँहों की हार पहराइयाँ
गीत बधाई
करते है स्वागत, बहु रानी बनी
यूँ न घबराओ भोली सी बन्नी
गौद तारो से भर देंगे जीवन
मुस्कराते हुए, आओ घर आँगणा करते है ।।ध।।
सास ससुरजी, तुम्हरे है ऐसे
प्यार की मूरत घर में हो जैसे
बेटी के जैसे तुमको रखेंगे
दुःख को तुम्हारे अपना समझेंगे
खुश किस्मत हो, बधाई हो बनी, करते हैं... 2
जेठ-जेठानी ऐसे है पाये।
लाड़ लड़ाये स्नेह बरसारये
हर मुश्किल में साथ निभाये
तुमको छोटी सी बहन बनाये
उनको समझना राम और सीता, करते है......2
पति परमेश्वर, बना जी प्यारे
सबसे निराले सबसे ही न्यारे
कभी न होगी प्यार की कमी
अपने राजा की प्रिय तुम हो रानी
स्वर्ग से घर का, अपना बनाना, करते हैं......2
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काँगना
तै तो खोल ऐ नाचण की कँगना,
तै तो खोल ए उदली की कँगना
तेरी माँय ए बहन का है माँगना, तै तो देहली बैठ चुंगाई
उदली की कंगना ना खुलै,
तै तो खोल साहेब का कंगना तेरी माँए बहन सब गोरियां
तै तो पिलगां बैठ चुगाईयां, साहिब का डोरियां झट खुलै
गीत कँगने के बाद का
तै तो बैठए बहू म्हारी इस घर, तेरी दादस बैठी दादसरै घर।
तै तो बैठए बहू म्हारी इस घर, तेरी साँसू बैठी ससुरै घर।
पीतस-पीतसरा-फुफस-फुफसरा
देवर के लिए
मेरे हाथ में सूत, भाभी के गोद में पूत।