सेहरे के गीत

बहू आने पर गीत

बहू आने पर गीत-1
भैया भाभी लेकर आया, द्वार पर बाजी शहनाई।
बहनें खड़ी द्वार रोककर, हँस-हँस माँगें द्वार रुकाई।
माँग सुहाग भरी दमकें, अंखियाँ अनुराग भरी चमकें।
पायल झनकार भरी झनके, चूड़ियाँ गुहार भरी छनकें।
यह दुल्हन है तेरी भाई, खूब करो इसकी पहुनाई।
पर यह सब कुछ पीछे करना, पहले दे दो द्वार-रुकाई।
भैया भाभी लेकर आया, द्वारे पर बाजी शहनाई।।
बहनें मंगल का घट भरतीं, दादी मोतियन थाल लुटाती।
अम्माँ हँस-हँस वारी जाती, कैसी प्यारी दुल्हन पाई।
दुल्हन है तेरी भाई, पर यह तुम पीछे करना।
पहले दे दो द्वार-रुकाई।। भैया......
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बहू आने पर गीत-2
बन्ना बन्नी ले घर आया, ऊतर बन्नी कार सै
देख ससुरे जी की पोल, धडीयां ऐ सोना तुल रहा
हाथी घुमै ऐ बहार उतर बनी कार से
बहू आने पर गीत-3
गाओ जी बधाओ गाओ, मंगल गाओ,
फूलों और चंदन का, चैक पुराओ।
बुआ बहणां खड़ी द्वार पै, मांगै बाहर रूकाई,
राइबर मुलकै, नवेली भावज घूघंट मै शरमाई,
पहले म्हारा नेग ल्याओ, फिर चैबारे चढ़ जाओ।
गाओ जी बधाओ गाओ, मंगल गाओ।
गीत घर आई बहु का
वो तो हारा ऐ बहू तेरा बाप, केसरिया बनड़ा जीत गया।
वो तो जीत्या अपणे देवी-देवत्यां गै ताण, कोटन समधी हार गया।
वो तो हारा ऐ बहू तेरा बाप, केसरिया बनड़ा जीत गया।
वो तो जीत्या आपगै दादाजी गै ताण, कोटन समधी हार गया।
वो तो हारा ऐ बहू.....

(ताऊजी, जामीजी, चाचाजी, फूफाजी, भाईजी, मौसाजी, मामाजी)
बधावा घर आई बहु का
जे बन्ना तू आया जीत कै, तेरे दादा नै करले सीलाम
बन्ना बन्नी आया ब्याय कै, तेरे ताऊ नै करले सीलाम,
बन्ना बन्नी लाया ब्याय कै

जीतैं म्हारै देई देवते, जीते म्हारे रामचन्द्र राव
जीतै म्हारै सीताराम जी, जीतै म्हारै मुरारीलाल जी
जीतै म्हारै पूर्णचन्द जी, थारै रे मन चाव थारी होड कोण करै
जीते म्हारै देई देवते

बन्ना बन्नी ले घर आया, ऊतर बन्नी कार सै
देख ससुरे जी की पोल, धड़ियाँ ऐ सोना तुल रहा
हाथी घूमै ऐ घर के बाहर उतर बनी कार से
ऐ आज दिन नित नया जी राज
बहु थाली इकट्ठी कर
ना खुड़काइयो ना दुडकाइयो, सास बहुआ की होवैगी लड़ाई
ना खुड़काइयों ना दुडकाइयो, दौर-जिठानी की होवैगी लड़ाई