मांगलिक अवसर पर काम आने वाली कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ
1- चैक पूरना
आटे को च्यूंटी में लेकर पतली रेखाओं द्वारा डिजाइन बनाना चैक पूरना कहलाता है। नेग समाप्त होने के बाद पाटा उठाते ही कुंआरे (छोटे) लड़के को उसके ऊपर से लंघाया जाता है। उसके बाद इसे हाथ फिराकर बधार देना चाहिए ताकि इसे कोई न लांघे।
2- विनायक
छोटे लड़के को गणेष स्वरूप मानकर बगल में बैठाना या सुपारी पर मोली लपेटकर गणेष स्वरूप मानकर पूजना।
3- पूजा की थाली
रोली, मोली, चावल, गुड़/मिठाई, सुपारी के गणेष जी। हमेषा रोली चावल का तिलक पहले गणेष जी का ध्यान करते हुए उन्हें लगाए फिर नेग आरम्भ करें।
4- गुड़ की भेली
तकरीबन पाँच या ढाई किलो का एक गुड़ का पीस। नेग देती है। कुटुम्ब की औरतें भी मुँहदिखाई का नेग देती है। किसी के यह नेग सिरगुंथी के बाद दिया जाता है।
5- सामग्री
दो पाटे, चैंक पूरने के लिए आटा, लोटा, भीगा हुआ थोड़ा सा आटा, सात पत्तों की पीपल की डाली (आटे में डाली को लगाकर लोटे में रखना) द्वार रुकाई और बधाई के रुपये, सात थाली/प्लेट, जिसमें मट्ठी और लड्डू डला हुआ हो, एक छड़ी, घी का दीपक, बहू की मुँह दिखाई (रुपये/गहना)।
6- मिनसवाना
हाथ में जल लेकर जिस चीज़ को मिनसना हो उस वस्तु के चारों तरफ हाथ फिराकर मन में षुभ की कामना करते हुए जल वस्तु के सामने डालकर हाथ जोड़ लिए जाते हैं।
7- कांगना डोरा या रखड़ी
वर या कन्या को बुरी नज़र या किसी टोने-टोटके से बचाने के लिए रखड़ी बांधी जाती है। कंागना बंधने के बाद उन्हें बाहर इधर-उधर घूमने की आज़ादी नहीं दी जाती।
8- चैमुख दीपक
वह दीपक जिसके चार मुख हो अर्थात् उसके चार तरफ ज्योति प्रज्वलित कर सकते हैं।