रीति रिवाज

मानस सिद्ध मन्त्र

श्री बाल हनुमान मन्दिर, लेक टाउन से लिया गया है।
मंत्र सिद्ध करने के लिए या किसी संकटपूर्ण जगह पर रात व्यतीत करने के लिए अपने चारों ओर रक्षा की रेखा खींच लेनी चाहिए। लक्ष्मण जी ने सीता जी को कुटी के आसपास जो रक्षा खींची थी, उसी लक्ष्य पर मंत्र बनाया गया है। इसे एक सौ आठ आहुति द्वारा सिद्ध कर लेना चाहिए:
मामभिरक्षय रघुकुल नायक। धृतबर चाप रुचिर कर सायक।।

1- विपत्ति नाश के लिए राजिव नयन धरें धनु सायक। भगत विपत्ति भंजन सुखदायक।।
2- संकट नाश के लिए जो प्रभु दीनदयालु कहावा। आरतिहरन वेद जसु गावा। जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी। दीनदयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।
3- कठिन क्लेश नाश के लिए हरन कठिन कलि कलुष कलेसू। महा मोह निसि दलन दिनेसू।।
4- विघ्न विनाश के लिए सकल बिध्न व्यापहिं नहिं तेही। राम सृकृपा बिलोकहिं जेही।।
5- खेद नाश के लिए जब तें रामु व्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद वधाए।।
6- विवाह के लिए तब जनक पाई वसिष्ठ आयसु व्याह साज सँवारि कै। मांडवी श्रृतकीरति उरमिला कुअरि लई हँकारि कै।।
7- यात्रा की सफलता के लिए प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। हृदय राखि कोसलपुर राजा।।
8- परीक्षा में पास होने के लिए जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी।। मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपा अघाती।।
9- पुत्र-प्राप्ति के के लिए प्रेममगन कौशल्या निसि दिन जात न जान। सुत सनेह बस माता बालचरित कर गान।।
10- अकाल मृत्यु-निवारण के लिए नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट। लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं वाट।।
11- भूत को भगाने के लिए प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ग्यान धन। जासु हृदयँ आगार बसहिं राम सर चाप धर।
12- नजर झाड़ने के लिए श्याम गौर सुन्दर दोउ जोरी। निरखहिं छबि जननीं तृन तोरी।।
13- भक्ति प्राप्ति के लिए भगत कल्पतरु प्रनत हित कृासिन्धु सुख धाम।। सोइ निज भगति मोहि प्रभु देहु दया करि राम।।
14- लक्ष्मी प्राप्ति के लिए जिमि सरिता सागर महुँ जाही। जद्यपि ताहि कामा नाहीं।। तिमि सुख संपत्ति बिनहिं बोलाएँ। धरमसील पहिं जाहिं सुभाएँ।।
15- सम्पत्ति प्राप्ति के लिए जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख-संपत्ति नाना बिधि पावहिं।
16- मनोरथ-सिद्धि के लिए भव भेषज रघुराज जसु सुनहिं जे नर अरु नारि। तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहिं त्रिसिरारि।।
17- कुशल-क्षेम के लिए भुवन चारि दस भरा उछाहू। जनकसुता रघुबीर बिआहू।।
18- मुकदमा जीतने के लिए पवन तनय बल पवन समाना। बुधि विवेक बिग्यान निधाना।।
¼1½ चन्दन का बुरादा ¼2½ तिल ¼3½ शुद्ध घी ¼4½ शक्कर ¼5½ अगर ¼6½ तगर ¼7½ कपूर ¼8½ शुद्ध केशर ¼9½ नागर मोथा ¼10½ पंचमेवा ¼11½ जौ ¼12½ चावल।
आशा है कि पाठक गण इन चैपाई मंत्रों की सहायतासे अनेक दुःखों को दूर करेंगे।