सेहरे के गीत

बारात चढ़ने के गीत

गीत घोड़ी पर चढ़ने का
नौ-दस मास रे बेटा, गर्भ में राख्या, मायड़ का नीरणा ले चला
अपनी मामड़ नै मैं, बांदी भी ल्या दूं, बड़े साजन की धीवड़ी
तेरै तो होणै में रे भतिजा, सतिये धरे थे, बुआ का नीरणा ले चला
अपनी बुआ नै मैं तीवल चीतवा दूं, एक सुती एक रेशमी
तैं तो रे बीरा, गोद खिलाया, बहना का नीरणा ले चला
अपनी बहना नै मै हार घड़ा दूं, तीवल चीता दूँ रेषमी
काना म¨ती हद बणे लाड़ला, खूब लपेटा जी सुत,
धन तेरी माँ की क¨ख नै, जिन चंचल जनमा जी पूत,
ये आज दिन नित नया जी राज।
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गीत बारात चढ़ाने का-1
चाकै फिरै चरखी घरनावै, तोता लहरे लेरा ए,
मुरारी लाल पोता व्यावन चढ़गा, लिया लंगारा साथ ए
सुभाश पोता व्यावन चढ़गा, लिया लंगारा साथ ए
चाकै फिरै चरखी घरनावै तोता लहरे लेरा ए
गीत बारात चढ़ाने का-2
चन्दा पाँच पचन्दा, रे बीरा घोड़ी चढ़ै ।
घोड़ी कै लागै आबे, जान चढ़ै तेरे बाबे
घोड़ी कै लागै आबु, जान चढ़ तेरे बाबुल
चन्दा पाँच पचन्दा, रे बीरा घोड़ी चढ़ै ।
घोड़ी कै लागै आंचे, जान चढ़ तेरे ताऊ चाचे
घोड़ी कै लागै हीरे, जान चढ़ै तेरे बीरे
चन्दा पाँच पचन्दा, रे बीरा घोड़ी चढ़ै ।
घोड़ी कै लागै हांजे, जान चढ़ै तेरे भान्जे
घोड़ी कै लागै आम्भे, जान चढ़ै तेरे मामे
चन्दा पाँच पचन्दा, रे बीरा घोड़ी चढ़ै ।
घोड़ी कै लागै इजै, जान चढ़ै तेरे फूफे जीजे
घोड़ी कै लागै नाटै, जान चढै तेरे नाने
चन्दा पाँच पचन्दा, रे बीरा घोड़ी चढ़ै ।
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