सेहरे के गीत

पेकिंग के दोहे

पेकिंग के ऊपर लिखे जाने वाले दोहे
1. फूलों और बहारों से जिंदगी मुस्कराती रहे।
आपकी मुस्कान यूं ही मोती बिखेरती रहे।।

2. मिलें पवित्र हृदय दो, निर्मल जीवन पथ की राहों पर।
प्रेम सहित जीवन नय्या को, ले चलो सुख की राहों पर।।

3. हर दिन हो सोने सा उजाला, राते हो चांद सितारों सी।
जीवन में खुशियां भरी रहें, बहती-नदिया की धारों सी।।

4. जीवन की मुस्कान बनो तुम, फूल खिला दो क्यारी-क्यारी।
नई सफलता के सुमनों से, महके जीवन की फुलवारी।।

5. शुभ संदेश लाई हूँ, हो गई है भोर।
मेंहदी मोली के साथ पूजो गणगौर।।

6. प्रेम और विश्वास से चले जीवन की गाड़ी।
गणगौर के शुभ अवसर पर भेंट तुम्हें ये साड़ी।।

7. कंगन के खन-खन से, पायल की छन-छन से, बिछुयों की रूनझुन से।
महक उठेगा घर आंगन भाभी के शुभ आगमन से।।

8. हरियाले सावन में नाच रहे मोर।
सगीजी के आगे सगाजी का चले ना जोर।।

9. गेम में गेम है क्रिकेट का गेम।
मम्मीजी मैं तो करूंगा लंदन की मेम।।

10. पंछी चुने दाना, हंस चुने मोती।
देवर-भाभी के प्यार की अमर रहे ज्योति।।

11. बढ़ गया है मान अब तो भाभी रानी का।
पलड़ा जो भारी होता है जिठानी का।।

12. बहुत दिनों बाद शुभ घड़ी आई है।
अब तो दे दो हमें खुशी की बधाई हो।।

13. सूट-बूट छोड़ अब पहनो सगाजी धोती।
दादाजी बन जाएँगे चाहे पोता हो या पोती।।

14. सात समंदर पार हैं प्यारी रानी।
फोन पर ही सुन लेंगे आपकी मीठी वाणी।।

15. हसीं मौसम, जवां उमंगें, दिल से दिल टकरा गया।
जब फोन का बिल आया तो सर चकरा गया।।

16. साड़ी पहनो कंगन पहनो और पहनो छल्ला।
... ने तो पकड़ लिया अब.. का पल्ला।।

17. फलों में फल लाजवाब नांरगी।
खुशमिजाज खूब है नन्दोई सतरंगी।।

18. सगाजी सरदार है, सगीजी उनकी नार है।
बातें बनाने में दोनों होशियार हैं।।

19. घर में आई शुभ घड़ियाँ ही खुशियाँ लाई।
नए मेहमान के स्वागत की, दादीजी को हो रही धाई।।

20. मन ही मन मुस्करा रहे हैं, धीरे-धीरे गुनगुना रहे हैं।
फूले ना समा रहे है, पापा जो बनने जा रहे हैं।।

21. झूठ ना बोलूँ, मैं बोलूँ साचा साचा।
कानों में कोई बोल रहा है धीरे से "चाचा-चाचा"

22. चाचू बनने की खुशी में जी फूले न समाना।
जब गीली होगी पैण्ट मैदान छोड़ ना भागना।।

23. अब तक थी सबसे छोटी अब हो जाऊंगी बड़ी।
मैं भी रोब जमाऊंगी, अब आएगी शुभ घड़ी।।

24. छोटा सा संसार तुम्हारा स्वर्ग बनाए रखना।
इस बगिया में खुशी के फूल खिलाए रखना।।

25. प्लेट में प्लेट, प्लेट में केक।
हमारी भाभी करोड़ों में एक।।

26. इस साड़ी को बार बार धोना नहीं।
ससुराल में आने के बाद दोपहर में सोना नहीं।।

27. पहनकर दिवाली की यह साड़ी प्यारी।
लगोगी तुम सब बहुओं में न्यारी।।

28. हँसते हँसते तुम खाना जलेबी।
बहुरानी तुम जल्दी आना हवेली।।

29. जेष्ठ श्रेष्ठ है अनुभव में इस नव दम्पति का निर्देशक है।
हर संकट और उलझन में संयम से सदा सहायक है।।

30. माँ की ममता से पूर्ण सदा, सासू जी सुमग सुहानी है।
है सूत्रधारिणी सम्बन्धों की आदर कर प्रीति निभानी है।।
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