माण्डे के गीत

चाक के गीत

नौ ग्रह के पंडित
कई जगह शादी वाले दिन मंढे के बाद नौ ग्रह के पंडित जीमते हैं और उन्हें दक्षिणा दे कर विदा करते हैं।
चाक पूजन
सइयों कुम्हार बुलावै, मिट्टी की देहल बनावै,
ज्यूं-ज्यूं ऐ खूँटी रस भरै, लहरे लेगा हार।
मनै नांणा बताई मनै नांणा बताई, नांणा खूँटी कै रै,
मनै मोटी बताई मनै मोटी बताई, मोटी कोठी मै ए, दाई म्हारा बांवरिया,
मनै काली बताई मनै काली बताई, काली कृष्ण कै ए, दाई म्हारा बांवरिया।