माण्डे के गीत

फेरों का गीत

फेरों का गीत 1
पसेरे ठठे आये री पसेरे,
हमने बुलाये गोरे-2 काले-2 आये री पसेरे
पसेरे ठठे आये री पसेरे,
हम बुलाये लाम्बे-2, ओछे-2 आये री पसेरे,
पसेरे ठठे आये री पसेरे,
हमने बुलाए पैण्टां वाले, धोती वाले आये री पसेरे
हमने बुलाए पेन्ठे वाले, गंजे-2 आये री पसेरे
पसेरे ठठे आये री पसेरे।
फेरों का गीत 2
दादाजी का ऊंचा नीचा कोट, नीचा म्हारा आँगणां
आ बैठा समधी का पूत, रोप्या म्हारा आँगणां
आ बैठा समधी का पूत, आंगण बैठा जप करै जी
ल्याऔ-ल्याओ हीरे-मोती लाल, पैसे भर इलायची
देवौ भौला समधी के हाथ, छोड़े म्हारा आँगणां
नहीं लेवां हीरे-मोती लाल नहीं लेवां इलायची,
परणांवागे राज कंवारी छोड़ा थारा आँगणां
परणांवागे जामी जी की ये धीय छोड़ा थारा आँगणां
जामी जी का ऊंचा नीचा कोट, नीचा म्हारा आँगणां
फेरों का गीत 3
गढ़ छोड़ रुक्मण बाहर आई, चवँरी तो छाई तेरे साजना,
साजन तेरै न लाडो दान भी देंगे, जोड़ी तो रहईयो तेरी जगमगी,
तूं क्यूं म्हारी लाडो, डगमगी, तेरा लखी दादा बैठे पास,
तेरा लखी ताऊ बैठे पास,
डरऐ नाचनतिका ऐकला, आपकी मायड़ ना लाया साथ,
डरए नाचनतिका ऐकला, आपकी दादी नै ना लाया साथ।
फेरों का गीत 4
दादा कै पथवारै री तुलसा, या तुलसी किन जनमी जी
आवैगा नाचनतिका जाया, या तुलसा उन ब्याहाई जी
तोडेगा पान मरोडेगा डाली, या तुलसा उन ब्याहाई जी
डाली तो डाली गुडला बंधादु, पानड़ला छपरां छाई जी
जामी के पथवारै री तुलसा, या तुलसा किन जनमी जी
फेरों का गीत 5
जीस दिन ऐ लाडो तेरा जन्म होया था, होइए बजर की रात
टूटी खटोली बाई गी अम्मा भी सोई, बाबुल फिरै ए उदास
चौसठ दिवले लाडो चास धरे थे, तो भी घोर अन्धेरा
जिस दिन ए लाडो साजन गै लड़का हुआ था
होई ए सोरण की रात
लाल पिलंगड़ै इनकी अम्मा भी सोई, बाबुल घोड़ा दुड़ाएं
एकज दिवला लाड़ो चास धरा था, चारु कुण्ट ऊजाल
माय कहवै बेटी नीत उठ आईयो, बाबुल कहव बाई छटवै मास
बीर कहवै बाई छटी परोजन, भावज कहवै क्या काम
पिलंगा तो बैठी बाई की अम्मा भी बोली
कोई मत जन्मो धीय कोई मत जन्मोे धीय
मुडैल तो बैठी बाई की भाभी भी बोली
हम भी किसी की धीय हम भी किसी की धीय
पैर उघाड़ै बाई के जामी भी भागे, साजन डोला थाम
म्हारी तो बेटी थारै घर की रानी, थे म्हारे बड़े उमराव
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गीत फेरो का
यो म्हारी लाडो गा पहला ए फेरा, पहला ए फेरा दादा जी की पोतड़ीयां
धीरे-धीरे चाल म्हारी लाडो, हसँगी सहेलडियाँ
मोठ सा मत पाड़ म्हारी लाड़ो, रात घनेरडियाँ,
जठै म्हारी लाड़ो पगैला ए धरै, यो नाचण का हाथ धरै
जठै म्हारी लाड़ो हाथ धरै, यो नाचण का फूल धरै
जद म्हारी लाडो बोलै अमृत वाणी, यो नाचण का कान घरै
यो म्हारी लाडो का दूजा ए फेरा, बाबुल की ए बेटडीयाँ
यो म्हारी लाडो का तीजा ए फेरा, भाईयां की ए बहन मामा की ए भानजड़ी
हलवां-हलवां चाल म्हारी लाड़ो, हँसैगी सहेलडियाँ जी,
यो म्हारी लाडो का चैथा ए फेरा, होई पराईयाँ
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गीत फेरा का चंवरी
इस चंवरी म्हारै दिनेश कुमार चढ़ा, म्हारी नीलम का भरतारू जी
राओ राव बखानियों, सारी दिल्ली का सिरदारू जी,
इस चवरी म्हारै सुरेष कुमार चढ़ा
बाई आशा का भरतारू, राओ राव बखानियो
सारी रोहतक का सिरदारू जी
इस चवरी इसर दास चढ़ा वाई गोरा का भरतारू जी।
गीत फेरो मे हाथलेवा का
यो हथलेवा, जुग परणेवा, यो हथलेवा, दादा रै दादी
यो हथलेवा, जुग परणेवा, यो हथलेवां ताऊ रै ताई
बापू जी-अम्मा-चाचा चाची भाईयां भाभी
कन्या दान
सोना दान चाँदी दान, सब कोई देवै, कन्या का दान दुहेला ओ राज
कन्या का दान वाइै के दादाजी देंगे, उनकी छाती भारी ओ राज
सोना दान चाँदी दान सब कोई देवै।
गीत खील बखेरण का
थारी ओ अनूप दीपक बहन ब्याइये, फेरो में खील बखेरियो,
थारी ओ संजय बहन ब्याइये, फेरो में खील बखेरियो
फेरों का
बामणं रे तूं बामणां उत्तम तेरी जात
एक टकै के कारणै तूँ बोल्या सारी रात
फेरा में पंडित का दोहा
भला पढ़ा रे पण्डा भला पढ़ा, मित्तल का पंण्डित भला पढ़ा
धन तेरे साखां नै, धन तेरे जजमाणां नै, पोथी और पुराणा नै
रोल ले रे पाण्डा रोल ले, गाय बाच्छा खोल ले
दोहा 1 बाराती का
अैसे काले तुम बने बरातियांे जी, जैसे काली उड़दां कीजी दाल
दालज हो तो धोय लूँ, थारा रंग ना धोया जाय
ये बुरा मत मानियो, ऊंचे साजनो जी
दोहा 2 जमाई का
का-ना मोती हद बणे लाड़-ला, खूब लपेटा जी सूत
धन तेरी माँ की कुख नै, जीन चंचल जनमा
ये आज दिन नित नया जी पूत
दोहा 3
दो खरबूजे एक से नन्दोई जी, दोनु लाल गुलाल
एक हीरा एक जोड़ी थारी, वणी रहयो जी लाल
दोहा 4
दो-दो बार थाम जीमते जेठ जी, आज ना पीई जी चाय,
मीनू बेटी ब्याहे के, षोभा ले लो नीत नई जी आज।
दोहा 5
बड़ी ए बड़ाई क्या करूँ साजनों, बड़ा ए तुम्हारा जी नाम
बेटी है प्यारे सम्बन्धी की, रखियो मन चीत लाय।
ये ऊंचे साजनो जी राज।।

उड़दा खाई चरचरी राधेश्याम जी, घणा ए पीया जी घी
म्हारी बारी उतरी, थारै नीत उठ जनमों धीय।
ये ऊंचे साजनों जी राज
दोहा बेटी वाले का
बोरी का मुख खोल दो सुसरा जी, मन करलो जी दिलेर
मंजु बेटी ब्याय के षोभा ले लो नीत नई जी आज