नए घर का गीत
मेरे श्याम सलोने ने, एक घर बनवाया है,
रहने के लिए उसमें, मुझको भी बुलाया है।
उनकी निगरानी में, घर का निर्माण हुआ,
इनकी कृपा से ही, पूरा अरमान हुआ।
अपने ही तरीके से, कान्हा ने सजाया है,
मेरे श्याम सलोने ने, एक घर बनवाया है।।
सबसे पहले इसमें, मेरे श्याम ने प्रवेश किया,
परिवार सहित आओ, मुझको आदेश दिया।
इस घर में रहने का, मांगे न किराया है,
मेरे श्याम सलोने ने, एक घर बनवाया है।।
इनका सेवक बनकर इस घर में रहूँगा में,
मुझको जरूरत हो, कान्हा से कहूँगा में।
इनकार नहीं करता, सदा सुनता आया है,
मेरे श्याम सलोने ने, एक घर बनवाया है।।
जिस घर में श्याम रहे, वो घर मन्दिर होता है,
जितनी भी सेवा होती, उतना सुन्दर होता है।
भक्तों का जहाँ प्रेम मिले, वहीं दौड़ के आया है,
मेरे श्याम सलोने ने, एक घर बनवाया है।।
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