बड़ा बन्ना
मैं तोहे पूछू के बात मेरे बन्ने रे बात हरीयाले के बात शहजादे के कौन दिनो को तेरो जन्म है। पूनो, पड़वा अर दोज मेरी बन्नी अर दोज षहजादी के दोज हरीयाली के छटीक चाँदनी का मेरा जन्म है।
मैं तोहे पूछू बात मोरी बन्नी बात हरीयाली के बात शहजादी के कौन दिनों को तेरा जन्म है। मावस, पड़वा अर दोज मेरे बन्ने, के दोज हरीयाले, के दोज षहजादे के रहन अन्दीयारी का जन्म है।
मैं तोहे पूछू के बात मेरे बन्ने के बात हरीयाले के बात शहजादे के काय से नार कटाये सोने की चक्कू, सोने छूरीयाँ, के सोने की कैंची रे याही से नार कटाई है।
मैं तोहे पूछू के बात मेरी बन्नी अरे बात हरीयाली अरे बात शहजादी, के काय से नार कटाई है। लोहे का खुरपा, रे लोहे की छूरीयाँ और लोहे की कैंची के याही से नार कटाई है।
मैं तोहे पूछू के बात मेरे बन्ना के बात हरीयाले के बात शहजादे के काहे के कुडर नैहलाई है। सोने के कुडर, गंगा जल पानी और सतलुज का पानी, के साबून की टिकीयाँ और याही से नाहन सजोई है।
मैं तोहे पूछू के बात मेरी बन्नी के बात हरीयाली के बात षहजादी अर माटी का कुडला, पुखरीया का पानी, अरे याही से नादन सजोंई है।
मैं तोहे पूछू के बात मेरे बन्ना अरे बात हरीयाले के बात षहजादे की काहे पे सोई तेरी माँ रे सुतों के पलंगा अरे फोमो के गद्दे, फोमो के तकीये जी याही पे सोई मेरी माँ ए जी।
मैं तोहे पूछू के बात मेरी बन्नी के बात हरीयाले के बात षहजादी के काहे पे सोई तेरी माॅयर टूटी खटीया, फटी सी गुदड़ीया रे याही पे सोई मेरी माँ रे।
मैं तोहे पूछू के बात मेरे बन्ने के बात हरीयाले के बात षहजादे अर क्या पूजा तेरी माँ ने गंगा, जमना, कुँआ मेरी बन्नी, गंगा मेरी बन्नी, अरे जमना मेरी बन्नी, अरे यही को पूजा मेरी माँ ने।
मैं तोहे पूछू के बात मेरे बन्ने के बात हरीयाले के बात षहजादे की क्या कुछ खाया तेरी माँ ने काजु मेरी बन्नी के, पिस्ते मेरी बन्नी, छुआरे मेरी बन्नी, बादाम मेरी बन्नी के यही कुछ खाया मेरी माँ ने।
मैं तोहे पूछू के बात मेरी बन्नी के बात षहजादी के बात हरीयाली के क्या कुछ खायो मेरी माँ ने बासी सी रोटी, खट्टी सी मैहरी, ये ही कुछ खाया मेरी माँ ने।
मैं तोहे पूछू के बात मेरे बन्ने के बात षहजादे के बात हरीयाले की क्या लुटाये तेरे बाप ने मोहर मेरी बन्नी, अषरफी मेरी बन्नी और गिन्नी मेरी बन्नी अरे ये ही लुटाये मेरे बाप ने।
मैं तोहे पूछू के बात मेरे बन्ने के बात हरीयाले के बात शहजादे की कौन के संग तुम बिहाने आये हो, बाबा, चाचा, अर ताऊ, मौसा, पास पड़ौसी अर कुनवा सुटा इन्ही के संग बिहाने आई है।
मैं तोहे पूछू के बात मेरे बन्ना के बात हरीयाले के बात शहजादे अरे कौन के भरोसे घर छोड़ीयों बाबा अर दादी, अर ताऊ-ताई के, मौसा अर मौसी, के बुआ और फूफा, कुनवा सारा के पास पड़ोसी अरे इन्हीं के भरोसे घर छोड़ीयो इन का भरोसा।
मुझे ना है मेरे बन्ने अर नाही षहजादे अर चाबी तो ये दो मेरे हाथ में, इनका भरोसा तोहे ना है मेरी बन्नी के ना है षहजादी के नाही हरीयाली तो कुंवारी क्यों ना आई हो,
क्वारी तो आवे तेरी दादी, अर आवे तेरी ताई के आवे पास पड़ोसी के आवे रिष्तेदार और हम तो आवे बड़ी धूम धाम से -
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