पीलिया

पीलिया

पीलिया-1
कहां तो बाजे है बाजने, और कहां तो धरे है निषान ।
हो लाल उमराव मिलन पतषाह, मिलन लाला जनमियां ।।
तेरे बाबा के बाजे है बाजने और नाना के धरे है निषान ।
हो लाल .......
तेरी दादी तो रहती है महल में
तेरा बाबा तो पंचों के बीच।
हो लाल उमराव मिलन पतषाह
मिलन बच्चा जनमियाँ ।।
तेरी ताई रहसी रसोई में
तेरा ताऊ कचहरियों के बीच। हो लाल....
तेरी बुआ तो रहसी सजन घर
तेरा फूफा तो यारों के बीच। हो लाल...
तेरी नानी तो चढ़ गई बांस पै
तेरा नाना बजाये जंगी ढोल। हो लाल...
मामी मौसी तो चढ़ गई बांस पै
मामा मौसी बजावे जंगी ढोल। हो लाल.....
तू तो उतर बुढ़रिया बांस से
म्हारे होलर ने आवेगी। लाज हो....
लाल उमराव मिलन पतषाह मिलन बच्चा जनमियां
मै तो कैसे उतरूं बांस से
मेरा यही बड़ा रोजगार हो लाल....
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पीलिया-2
जच्चा ओढ़ पीलिया निकली, कुँआ पूजे हँस-हँस के दिल मेरिये
जच्चा दाई तुम्हारी आएगी, वो तो लल्ला जनाई नेग मांगेगी।
नेग दे दो हँस-हँस के दिल मेरिये।
जच्चा सासू तुम्हारी आएगी, वो तो चरबे चढ़ाई नेग मांगेगी।
नेग दे दो हँस-हँस के दिल मेरिये।
जच्चा जेठानी तुम्हारी आएगी, वो तो पलंग बिछाई नेग मांगेगी।
नेग दे दो हँस-हँस के दिल मेरिये।
जच्चा देवरानी तुम्हारी आएगी, वो तो दीया जलाई नेग मांगेगी।
नेग दे दो हँस-हँस के दिल मेरिये।
जच्चा नन्दी तुम्हारी आएगी, वो तो सतीये लगाई नेग मांगेगी।
नेग दे दो हँस-हँस के दिल मेरिये।
जच्चा देवर तुम्हारा आएगा, वो तो पल्ला सदाई नेग मांगेगा।
नेग दे दो हँस-हँस के दिल मेरिये।
जच्चा ससुर तुम्हारा आएगा, वो तो थैली लुटाई नेग मांगेगा।
नेग दे दो हँस-हँस के दिल मेरिये।
जच्चा पंडित तुम्हारा आएगा, वो तो नाम धराई नेग मांगेगा
नेग दे दो हँस-हँस के दिल मेरिये।
जच्चा नाई तुम्हारा आएगा, वो तो नगर बुलाई नेग मांगेगा।
नेग दे दो हँस-हँस के दिल मोरिए।
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पीलिया-3
दिल्ली षहर से साहेबा पोत मँगा दो जी
कोई जच्चा का पीला बैठ रँगा दो गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
जयपुर से साहेबा दोए मोडी बुला दो जी।
कोई जच्चा का पीला बैठ रँगा दो गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।
रंग ना जाना जच्चा नाम न जाना जी।
कोई किस बिध रंगियो पीला गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।
अल्ले तो पल्ले साहिबा मोर पपैया जी
बीच-बीच चाँद घला दो गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
अपनी जोड़ी के दोए छैल बुला दो जी
कोई दे फटकार सुखा दो गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
पीला तो ओढ़ म्हारी जच्चा मुढ़ले पर बैठी जी।
सास-ननद बोहत सहराया गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
कोई दौर-जिठानी मुख मोड़ा जी गाढ़ा मारु जी।।
थे म्हारी दौर-जिठानी क्यूँ मुख मोड़ा जी
पीला मेरी माँ का जाया लाया गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
पीला तो ओढ़ म्हारी जच्चा सरवर चाली जी
कोई सारा ए षहर सराहाया गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
पीला तो ओढ़ म्हारी जच्चा महल पधारी जी
कोई लाल पड़ोसन नजर लगाई गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
आँख न खोले ए जच्चा मुख से न बोले जी
कोई जच्चा का राजन बिलख्या डोलै गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
दिल्ली षहर से साहिबा बैद बुला दो जी,
कोई जच्चा की नब्ज दिखा दो जी गाढ़ा मारू पीला रँगा दो जी।।
नाड़ी-नाड़ी पर बैदन का रोक रुपया जी
कोई नब्ज दिखाई मोहर अषर्फी, गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
थारै चढ़ने का साहिबा घोड़ा भी बख्षो जी
म्हारे पहरनै की सेला साड़ी गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
आँख भी खोले ए जच्चा मुख सै भी बोले जी।
कोई जच्चा को राजन हँसता डौले गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
तू तो बैदन का बेटा बहोत ठगोरा जी।
म्हारा भोला सा राजन ठग लीना गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
तू तो साजन की बेटी बहोत ठगोरी जी
ठग-ठग बैद बुलाया गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
मैं तो म्हारे मारु जी का मनड़ा भी देखूँ थी
प्यारी हूँ के नाए प्यारी गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
तू तो म्हारी जच्चा रानी बहोत प्यारी जी
कोई होलर जाया बहोत प्यारी गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
दिल्ली षहर से साहेबा पोत मगा दो जी
कोई जच्चा का पीला बैठ रँगा दो गाढ़ा मारू जी पीला रँगा दो जी।।
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कंगणा
धीरे धीरे ढोलक बजाओ मोरे राजा जी
हल्का हल्का कंगणा घड़ाओ मोरे राजा जी
फूला फूला कंगणा घड़ाओ मोरे राजा जी
ढोलक की आवाज सुन के सास भागी आवेगी
दीवला चसाई नेग मांगे मोरे राजा जी
ढोलक की आवाज सुन के जिठानी दौड़ी आवेगी
पीलंग बीछाई नेग मांगे मोरे राजा जी
मोरे राजा जी फुला फुला कंगना घडाइयो
मेरे राजा जी पांच का घड़ाय पचीस का बताइयो
ब्याज बटा जोड़ पूरा साठ का बताइयो जी
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