पिपली
बगड़ विचालै पीपली ललना
लैला जी जिकै सै ओड़े चैड़ पात
प्यारी लागे पिपली ललना, एक जच्चा पत्ता तोड़िया ललना
लला जी, चैड़े-चैड़े पड़े ये मजीरू
प्यारी लागै पिपली ललना
जिस तलै कुन्डला औटिया, भराये झिलौरे खाये
प्यारी लागै पिपली ललना
जिसमे जच्चा का पिला रंगीया ललना
लला जी पड़ गई पीली सी पात
प्यारी लागै कुल बहु ललना
ओढ़ पहर जच्चा निसरी ललना
लैला जी हिसार के तख्त बाजार
प्यारी लागै कुल बहु ललना
लोग महाजन न्यू कहैव, या कुण जच्चा जायै
प्यारी लागै कुल बहु ललना
सुसरा की सै कुल बहु, चिरंजी लाल की बड़ नार
प्यारी लागै कुल बहु ललना
राजा साहेब की रानी, न्यू कहै ललना
लला जी जच्चा उरै बुला - प्यारी लागै कुल बहु
जच्चा की कूख सुलाखनी नीत उठ जन्मगी पुत
प्यारी लागै कुल बहु ललना
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