पीलिया

ससुरा, जेठ, जमाई, देवर

जीजा
दिल्ली से खाली चले आए जीजा जी रसगुल्ले ना लाए।
ताता सा पानी साबुन की टिकिया, नहाने को दौड़े चले आए,
जीजा जी रसगुल्ले ना लाए।
ताती सी पूरी और गुलदाना, खाने को दौड़े चले आए,
जीजा जी रसगुल्ले ना लाए।
चन्दा की चांदनी में चैपड़ बिछाया, खेलन को दौड़े चले आए,
जीजा जी रसगुल्ले ना लाए।
फूलों की सेज मोती झालर का तकिया, सोने को दौड़े-दौड़े आए,
जीजा जी रसगुल्ले ना लाए।
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जेठ
म्हारा जेठ जी तो पूछे, बहू को क्या क्या चाहिए
म्हारे जेठजी के हाथ का जड़ाऊ टीका चाहिए
म्हारे जेठजी के हाथ की जड़ाऊ किलपा चाहिए
जेठ जी घड़ावे जेठानी ने ला पकड़ावे
म्हारी जिठानी ऐसी लोभना पेटी मे रख आवै
म्हारा जेठूता प्यारा लाडला चाची ने ला पकड़ावे
शाबाश ओ जेठूता चाची का मान बढ़ावे

देवर-1
मैं खड़ी चाबूँ पान मसाला देवर पीसै
मसाला देवर पीसै यो खड़ा आँख न मींचै
तू दूर खड़ा बतलायो देवर नार हूँ पराई
मैं नार हूँ पराई तेरे बड़े बीरे घर आई
पानी में पूड़े पोइयो देवर देखूँगी चतुराई
बिन पटरी रेल चलाइयो देवर देखूँगी चतुराई
मैं खड़ी चाबूँ पान मसाला देवर पीसै
देवर-2
नखरालो देवरियो भाभी पर जादू करग्यो,
मतवालो देवरियो भाभी पर जादू करग्यो।
रंग-रंगीलो छैल-छबीलो देवरियो है म्हारौ,
मीठो-मीठो मुलकण लागै ब¨लै प्यारो-प्यारो
जादूगरो, हो ऽऽऽ जादूगरो देवरियो, भाभी पर जादू कर ग्यो
नखरालो देवरियो......
चन्दा मैं सै चिरेड़ी थारी लाऊँगी बहूरानी,
थे हो म्हारा प्यारा देवर, बा म्हारी देवरानी,
सैलानी, हो ऽऽऽ सैलानी देवरियो, भाभी के चित चढ़ ग्यो
नखरालो देवरियो......
हो ऽऽऽ खूब मिलेगी जोड़ी थारी, फेरां दयांगा रानी,
म्हारी भी जोड़ी मिल जासी, देवरानी जिठानी,
कामणगारो हो ऽऽऽ कामणगारो, भाभी पै कामण कर ग्यो।
नखरालो देवरियो......
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नन्दोई सा
नन्दोई सा, भला ही पधारो प्यारा पावना।
थानै तातो सो पानी जी कर देती, म्हारी टोकनी गै निकल गयो पेच,
नन्दोई सा, भला ही पधारो प्यारा पावना।
थानै सीरो-पूड़ी जीमाय देती, म्हारै रसोइये गै चढ़गी ताप
नन्दोई सा, भला ही पधारो प्यारा पावना।
थानै कढ़ी-फुल्का जीमा देती, म्हारी पड़ोसन घाली कोनी छाछ
नन्दोई सा, भला ही पधारो प्यारा पावना।
थानै खीर-पूड़ी जिमाय देती, म्हारी धोलती ने दे दियो जवाब
नन्दोई सा, भला ही पधारो प्यारा पावना।
थानै नारियल-रुपये दे देती, म्हारै बाजार में हो गई हड़ताल
नन्दोई सा, भला ही पधारो प्यारा पावना।
थानै रुपये-जवारी गो देती, म्हारी तीजोरी की चाबी लेग्या आप
नन्दोई सा, भला ही पधारो प्यारा पावना।
थानै सीधो रस्तो बता देती, म्हारी सड़कों पे खेलै नन्दलाल।
नन्दोई सा, भला ही पधारो प्यारा पावना।
थे तो ओजुं तो आइयो प्यारा पावना, थारी खूब करूँगी मनुहार।
नन्दोई सा, भला ही पधारो प्यारा पावना।
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जमाई-1
झिलमिल थारी टोपी, झिलमिल थारा पेचा
तो झिलमिल थारी पहरन की चतुराई जी जँवाई लाल
सासरा में सासू थारा चाव करेगी
चाव करेगी मन में हरख करेगी
रसोइयां में फूली फूली, डोले जी जवाई लाल - सासरा में
झिलमिल थारा डोरा, झिलमील थारी घड़ियाँ
झिलमिल थारी, पहरन की चतुराई जी जँवाई लाल (सासरा में)
झिलमिल म्हारी बाई, झिलमिल लाड़ जँवाई तो
तो झिलमिल थारी, जोडी की चतुराई जी जँवाई लाल (सासरा में)
कुण थाने जाया कुण गोद खिलावे तो नाचन की गोद खिलाया
दाई माई कुडला नहवाया, जी जँवाई लाला (सासरा)
साला हेली चाव करेगी मन में हरक करेगी
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जमाई-2
हाँ ऐ बाला, सरवर की ऊँची-नीची पाल,
जमाई धोवै ध¨तियाँ, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ बाला, न्हाया-ध¨या करया सींगार,
सवेरे जास्यां सासरै, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ बाला, मांडो-मांडो पीतलिया पीलान,
सवेरे जास्यां सासरै, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ बाला, घाल्या-घाल्या स¨नणियाँ की बाण,
म¨री त¨ घाल¨ रेशम-पाट की, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ बाला, उठा ढ¨ला ढलती सी रात,
दिनड़ा उगाया सुंरगे सासरै, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ बाला, जाये म्हारी सासूजी नै कह¨,
जमाई आया पावणा, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ बाला, आया त¨ आवण द¨ ए,
चावल रांध्या उजला, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ बाला, जाये म्हारी सालाहेली नै कह¨
नणद¨ई आया पावणा, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ बाला, आया त¨ आवण द¨ ऐ,
बातां करस्यां म¨कली, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ बाला, जाये म्हारा साला जी नै कह¨।
बहन¨ई आया पावणा, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ बाला, आया त¨ आवण द¨ ऐ,
सतरंज खेलां म¨कली, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ बाला, मांड्या-मांड्या च¨पड़ती का खेल,
जमाई भाई खेलसी, जी म्हारा राज।
अरे बाला, पड़ गया बाई जी का डांव,
हाथां की घड़ियाँ जीतीअ¨, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ बाला, उठी जमाई जी नै रीस,
बाई कै मारी कामची, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ बाला, उठी बाई जी नै रीस,
महल्यां सै झट् उतरी, जी म्हारा राज।
हाँ ऐ ग©री, एकबर पाछ¨ड़ी आ,
न©कर तेरे बाप का, जी म्हारा राज, चाकर तेरे बीर का जी राज।
हाँ ऐ बाला, न©कर राख्य¨ ऐ ना जाये
जमाई मेरे बाप का, जी म्हारा राज,
बहन¨ई मेरे बीर का, जी म्हारा राज।
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जमाई-3
धोया-धोया थाल परोस दिया भात जी
आओ-आओ आनन्द कुमार बैठ¨ ना थाल जी
बैठ¨ ना थाल, बताओ थारी जात जी
बाप म्हारा चैधरी जी, माय पटरानी,
चारों भाई चोरटे, बहन उदाल जी
भुआ म्हारी भगतन, भड़वा रे साथ जी
मौसी म्हारी मोलसरा, करा सौ साठ जी
याही म्हारी भाई और बापा री जात जी
धोया-धोया थाल, परोस दिया भात जी
जी आओ आओ श्यामलाल, बैठो म्हारै साथ जी
बैठो म्हारै साथ, बताओ थारी जात जी
बाप म्हारा राजा जी, माय पटरानी जी
चारों भाई चैधरी, बहन सुजान जी,
बुआ म्हारा सोद्रन, रसोइया रे माय जी
मौसी म्हारी तीरथ करै सौ साठ जी
यही म्हारी मा और बापा री जात जी
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