लगन के गीत

थापा चितने का गीत

दोहा थापा चितने पर दोहा
थापा-थापा क्या करो जामी जी थापा दूंगी जी चित,
मोहरे लूँगी डेढ़ सौ, रुपिये ना लेऊँ कम
ऐ आज दिन नित नया जी राज।
गीत थापा चितन का
उब घड़ी षुभ घड़ी, दादाजी घर बिरद आई,
आज दिन नया, मै थापा चितण आई,
मैं थापा चितण आई जी, बिरदन नेग चुकाओ जी।
आज दिन..........
आज दिन नया, मैं मूंग बखेरन आई,
मैं मूंग बिखेरन आई जी, बिरदन नेग चुकाओ जी।
आज दिन..........
आज दिन नया, मैं आरत करन आई जी,
मैं आरत करन आई जी, बिरदन नेग चुकाओ जी।
आज दिन..........