लगन के गीत

गीत बान का झोला

कोरी कोरी कुलडी, मैं दही ए जमायो राज
जामी झोल घलाइयो, मायड़ मसल नुहाईयों
दादा झोल घलाइयो, दादी मसल पहला झोल घलाइयो।
पहला झोल घलाइयो, बिनायक बाबा मनाइयो
दूजा झोल घलाइयो, पितरो देवता मनाइयो
अगमा झोल घलाइयो, हनुमान बाबा मनाइयो
चैथा झोल घलाइयो, देवी रानी मनाइयो
पांचवाँ झोल घलाइयो, श्याम-बाबा मनाइयो
छटा झोल घलाइयो, सतियाँ दादी मनाइयो
सतवां झोल घलाइयो, भुले बिसरायाॅ मनाइयो
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झोल का गीत
पहला कलष घलाईयां, पीतर बाबा ने मनाइया
दुजा कलष घलाईयां, बिन्दायक बाबा ने मनाइया
तीसरा कलष घलाईयां सतीमाता ने मनाईयां
चैथा कलष घलाईयां, देवी मॉ ने मनाईया
पांचवा कलष घलाईयां, हनुमत बाबा ने मनाईयां
छटवां कलष घलाईयां, श्याम बाबा ने मनाईयां
सातवां कलष घलाईयां, सीतला माता ने मनाईयां
गीत तेल उतारने का
तारो ए तेलन तेल, राये चमेली का तेल है
किसीयां की है धीयड़, बहु किसीयाँ की तेल उतारियां
समधी की है धीवड़ी, बहु सीता तेल उतारियां
तारो ए तेलन तेल राये चमेली का तेल
गीत बान का नहाने का
ताता पानी ऐ समुन्द्र का, पोता नहाई ऐ प्रभुराम का
ताता पानी ऐ समुन्द्र का, बेटा नहाई ऐ राम चन्द्र का
भतिजा नहाई ऐ सुशील का, ताता पानी ऐ समुन्द्र का
भाई नहाई ऐ सुन्दर का, ताता पानी ऐ समुन्द्र का