बाहार का बान
मैं तनै पूछूँ म्हारी लाडली, यो बाना किन नोन्तया
इसी ऐ षहर मै मेरी ताई जी बसत है
म्हारा बाना उन नोन्तया
मैं तनै पूछूँ म्हारी लाडली, थारै मुख पर मरवट किन चीत्या
इसी ऐ षहर मैं मेरी बुआ जी बसत है
म्हारे मुख पर मरवट उन चीत्या
मैं तनै पूछूँ म्हारी लाडली, क्या-क्या भोजन दिन्या
खीर-खांड का भोजन दिन्या, दूध कचैला प्याया
यो कुण बाना न्योन्दियो, घर किसया के जाय,
राम चन्द्र बाना न्योन्दियो, घर लक्ष्मण के जाय
म्हारे आगण अमला न्योन्दियो
ज्युं ज्युं खूंटी ये रसए भरी, म्हारै आगण अमला न्योन्दियो
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