बधावा-2
म्हारै आँगन बाजा ओ बाजियो जी म्हारा राज
म्हारा सुसरा बडेरा चैधरी सासु जी साहेबा घर की है मेड़,
बधावा मैं सुणाजी म्हारा राज
म्हारा जेठ चूड़ा हस्तीदांत का, जीठानी जी साहेबा चुढ़लै री चैच,
म्हारा देवर हस्तदांत बाजू बन्द हाथ का दोयरानी जी साहेबा चुड़ेलै री चोंच, बधावा मैं सुणाजी म्हारा राज
म्हारी ननद कड़कती बिजली, ननदोई जी साहेबा सावणी या रो लौर,
साहेबा वा तो कड़क डरावै बिजली, झुक बरसे सावणीया री लौर, <
बधावा मैं सुणाजी म्हारा राज
म्हारी धीयेड़ कुसुम्बल चुन्दड़ी, जमाई जी साहेबा गज मोत्यारो हार
म्हारा साहेबा सिर सवेरा, सहेवाणी जी साहेबा सेजा रो सिंगार,
बधावा मैं सुणाजी म्हारा राज
मैहे तो नीत उठ सोरगै सासरे, किसरै मोसर जी साहेबा पिहर का रूख, मैहे तो नीत उठ ओढ़ा चुन्दड़ी, किसरै मोसर जी साहेबा पिलै रो भेस, बधावा मैं सुणाजी म्हारा राज
मैहे तो नीत उठ रान्धा खिचड़ा
किसर मौसरै जी साहेबा जीन्दवा रो भात,
बधावा मैं सुणाजी म्हारा राज, मैहे तो नीत उठ जनमा धीवड़ी
किसरै मोसर जी साहेबा अर्जुन भीम,
बधावा मैं सुणाजी म्हारा राज
धन धन ऐ सासु थारी कुख नै, जीन जनमा अर्जुन भीम,
धन-धन ये बहु तेरी जीब नै, सहराया सब परिवार,
बधावा मै सुणा जी म्हारा राज
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