भात
भातियाँ आए बैठे हैं आँगन में, दिल खोल के।
बहन की तो तीवल लाए, जीजा के लाए पैंट कोट,
सासू रानी यो उठ बोली, देखो तो पेटी खोल,
बडे़ तो नहीं है कहीं छोटे तो नहीं है,
देखो जरा पैकिंग खोल के। भातीयाँ आए.........
थैली भरकर रुपये लाए, लाए गिन्नी मोहर,
बड़ी जिठानी यो उठ बोली, देखो नोट खोल,
फटे तो नहीं हैं, कहीं जाली तो नहीं हैं,
देखो नोटो के बंडल खोल के। भातियाँ आए.........
थाली भर कर लाए बताशे, लाए बीड़ा पान,
छोटी दोरानी यो उठ बोली देखो बीड़ा तोड़,
सडे़ तो नहीं हैं, कहीं गले तो नहीं हैं,
देखो जरा इन्हें तोड़ के। भातियाँ आए.........
मोटर भर के आए भाई-भतीजा, भाभी लाए साथ,
आई पड़ोसन यो उठ बोली, नई देखो बात,
अंग्रेज तो नहीं हैं, कहीं जर्मन तो नहीं हैं,
देखो जरा इनसे बोल के। भातियाँ आए.........
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