बन्ने के गीत

भात

विवाह के अवसर पर रिश्तेदारों के सहयोग की एक सुन्दर परम्परा हमारे यहां प्रचलित है। विवाह की तिथि तय होते ही कन्या की माँ तथा पिता कन्या के मामा के यहाँ जाकर विवाह में सम्मिलित होने का आमंत्रण देते हैं। इस आमंत्रण में प्रायः बहन अपने भाई के लिए गुड़ की भेली ले जाती है। भाई इस भेली को स्वीकार करता है और भ्रातत्व ध्ार्म के रूप में विवाह से पूर्व बहना के यहाँ भात लेकर पहुँचता है।

पारिवारिक रिष्तों के इस सद्भावपूर्ण सम्बन्धों को स्पश्ट करने के लिए विवाह के अवसर पर विषेश प्रकार के गीत गाए जाते हैं। इन गीतों को 'भात' या 'भात के गीत' कहते हैं।

विवाह के समय कन्या और वर पक्ष के यहाँ गाए जाने वाले ऐसे ही भात विशयक मधुर गीतों के कुछ उदाहरण यहाँ दृश्टव्य हैं। इन गीतों में भाई और बहिन के अटूट स्नेह सम्बन्धों की तीव्र और मर्मस्पर्षी अभिव्यक्ति देखने को मिलती है-
भात
भातियाँ आए बैठे हैं आँगन में, दिल खोल के।
बहन की तो तीवल लाए, जीजा के लाए पैंट कोट,
सासू रानी यो उठ बोली, देखो तो पेटी खोल,
बडे़ तो नहीं है कहीं छोटे तो नहीं है,
देखो जरा पैकिंग खोल के। भातीयाँ आए.........
थैली भरकर रुपये लाए, लाए गिन्नी मोहर,
बड़ी जिठानी यो उठ बोली, देखो नोट खोल,
फटे तो नहीं हैं, कहीं जाली तो नहीं हैं,
देखो नोटो के बंडल खोल के। भातियाँ आए.........
थाली भर कर लाए बताशे, लाए बीड़ा पान,
छोटी दोरानी यो उठ बोली देखो बीड़ा तोड़,
सडे़ तो नहीं हैं, कहीं गले तो नहीं हैं,
देखो जरा इन्हें तोड़ के। भातियाँ आए.........
मोटर भर के आए भाई-भतीजा, भाभी लाए साथ,
आई पड़ोसन यो उठ बोली, नई देखो बात,
अंग्रेज तो नहीं हैं, कहीं जर्मन तो नहीं हैं,
देखो जरा इनसे बोल के। भातियाँ आए.........
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भात 1
सुन भैया रघुवीर भात सवेरे लाइयो
मेरे माथे का टीका लाईयो, मेरी सुईयाँ रतन जुड़ाइयो
गले की ल्यायो जंजीर भात सवेर लाइयो
सुन भैया रघुबीर भात सवेरे लाइयो।
बीरा थे आइयो भावज लाइयो, नन्द लाल भतीजा गोदी लाइयो
गले की लाइयो जंजीर भात सवेरे लाइयो। सुन भैया रघुबीर...।
भात 2
इन्हीं बीराने इन्हीं बीराने लाई है चुनरिया मोरी ।।धु।।
हमरी ना मानो, सासुजी से पूछो-2
जयपुर से मंगवाई बीरा ने चुनरिया मोरी
मेलुँ तो धड़के जियारा, ओढ़ूँ तो लागे नजरिया
लाल गुलाबी रंग लाई चुनरिया म्हारी
इन्हीं बिराने.....।
भाभी ने लाई, भैया ने ओढ़ाई-2
पंचों के बीच सराई चुनरिया मोरी
पहरुँ तो धड़के जियरा, ओढ़ूँ तो गिर जाए हीरा,
सलमा सितारे जड़वाई चुनरिया मोरी
इन्ही बिराने..... ।
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भात 3
तू ठंडी सड़क चला आइयो रे, मेरे फूल गुलाबी भैया।
बहना की अंखियाँ तरसें, बहना की अंखियाँ बरसैं।
अरे मत बरसो इन्दर राजा रे, मेरा छोटा भतीजा भीजै।।
तू ठंडी सड़क चला.....
भैया माथे को झूमर लाइयो, मेरे कानो की झुमकी लाइयो।
मेरा तोड़ा रतन जड़ाईयो रे, मेरे फूल गुलाबी भैया।।
तू ठंडी सड़क चला.....
मेरी सुन्दर सी साड़ी लाइयो, जीजा का जोड़ा लाइयो।
मेरी तगड़ी रतन जड़ाईयो रे, मेरे फूल बुलाबी भैया।।
तू ठंडी सड़क चला.....
मेरी पायल बाजनी लाइयो रे, उसमें घुँघरू डलवाईयो रे।
मेरे बिछुवे रतन जड़ाईयो रे, मेरे फूल गुलाबी भैया।।
तू ठंडी सड़क चला.....
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भात 4
मेरा सुसराजी तो बरजै, मत न्योतो अपना भईया।
क्या देगा क्या लेगा, क्या भर देगा भतैय्या।
मेरे ससुर की बरजी ना रहूं मैं, न्योतूगी अपना भईया।
आगंन की शोभा भावज, पोली की शोभा भईया।
पंचा की शोभा चूंदड़ी, उढ़ावै मेरा भईया।
मेरे जेठजी तो बरजै.........
भात 5
कठै से आवै हींग, कठै से आवै जीरा
कठै से आवै ए मेरी माँ का जाया बीर
कलकत्ता से आवै हींग, बम्बई से आवै जीरा,
षहर से आवै ए मेरी माँ का जाया बीरा
काहे में आई हींग क्या में आवै जीरा
काहे में आवै ए मेरी माँ का जाया वीरा
डब्बे में आवै हींग षीषी में आवै जीरा
कारों में आवै ए मेरी माँ का जाया वीरा
क्या कि शोभा हींग क्या की शोभा जीरा
क्या की शोभा ए मेरी माँ का जाया बीरा
कढ़ी की शोभा हींग रायते की शोभा जीरा
पटड़े की शोभा ए मेरी माँ का जाया वीरा।
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भात 6
आज प्यारी भातन बिके कोई ले लो
कल तो बिकेगी एक अठन्नी
आज मेरी भातन चवन्नी में ले लो
कल तो बिकेगी एक चवन्नी
आज प्यारी भातन दुअन्नी में ले लो
कल तो बिकेगी एक दुअन्नी
आज प्यारी भातन इकन्नी में ले लो
कल तो बिकेगी एक इकन्नी मे
आज प्यारी भातन अधन्नी में ले लो
कल तो बिकेगी एक अधन्ना
आज प्यारी भातन एक पैसे में ले लो
कल तो बिकेगी एक पैसे में
आज प्यारी भातन मुफत में ले लो
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भात लेने पर गीत 7
देखो भातन रानी आई है बडी षान से
भातनो के खातिर मैने कुर्सी मेज लगवाई
भातन रानी बैठ न जाने फिर जाजम बिछवाई
देखो भातन.........
भातनो की खातिर मैने चाय बिस्कुट मंगवाए
भातन रानी पीना न जाने फिर पानी मंगवाया
देखो भातन.........
भातनो की खातिर मैने खाना मंगवाया
भातन रानी खाना न जाने फिर पीजा मंगवाया
देखो भातन.........
भातनो के खातिर मैने पान मंगवाए
भातन रानी खाना न जाने फिर पत्ते मंगवाए
देखो भातन.........
भातनो के खातिर मैने मोटर मंगवाई
भातन रानी बैठ न जाने फिर बैलगाड़ी मंगवाई
देखो भातन.........
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भात 8
टीका तो पिया तुम घड़ावाओ, सुईयाँ लावै मेरे भातियाँ
चुप रहो, चुप रहो नार, देखे तेरे भातियाँ
पाँच लावै पच्चास ले जाए, ब्याज बटै मैं तनै ले जाए
साड़ी तो पिया तुम मंगवाओ, चून्दड़ी लावै मेरे भातियाँ
चुप रहो चुप रहो नार देखे तेरे भातियाँ
भात 9
पिया टीका ले जा, भर आ बहन कै भात।
पिया नथनी ले जा, भर आ बहन कै भात।
गोरी कैसे जाऊं, न्योतन ना आई मेरे भात,
चना सी नै, कितना कै करा ए गुमान।
मटर सी नै, कितना कै करा ए गुमान।
पिया उसनै कोई ए ना जानै, आपां नै जानै संसार।
पिया हारज ले जा, भर आ बहन.....
(नथनी, चूड़ा, कंगना, पायल, चुंदड़)
भात 10
मेरा छोटा भातैया भात ले के आया जरा देखना ।।
झूमर भी लाया, चुनरी भी लाया
झूमर के मोती हवा में उड़े जाए
कुण्डल भी लाया कंगना भी लाया
कुण्डल के मोती हवा में उड़े जाए। जरा देखना
तोड़ा भी लाया पायल भी लाया
तोड़े की लड़िया हवा में उड़े जाए। जरा देखना
बिछवे भी लाया पायल भी लाया
पायल के घुँघरू हवा में उड़े जाए। जरा देखना
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भात 11
चन्दा की शोभा चांदनी, सूरज की शोभा छैंया,
भात की शोभा चूंदड़ी, पाटे की शोभा भईया।
थाली पर बीरा बरसै और ऊपर सै इन्द्र बरसै,
मत बरसो इन्दर राजा जी, मेरी माँ का जाया भीजै।
मेरी माँ का जाया भीजै, गैल भावजिया भीजै,
टीके पर मेघा बरसै, पैंडल पर मेघा बरसै,
मत बरसो इन्दर राजा जी, मेरी माँ का जाया भीजै।
साड़ी पर मेघा बरसै, अंगिया पर मेघा बरसै,
मत बरसो इन्दर राजा जी, मेरी माँ का जाया भीजै।
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भात 12
नखरालो भातइयो बहना पे जादू कर गयो
जादू कर गयो, जादू कर गयो, जादूकर गयोरे
नखरालो .....
टीका लाया झुमकी लाया लाया सब सिंगार
सात भतीजे संग में लाया लाया मोटरकार
नखरालो भातइया........
छैल-छबीला रंग-रंगीला प्यारा भातइया
मीठी-मीठी बोली लागे प्यारा-प्यारा
नखरालो भातइया बहन पे जादू कर गयो-3
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भात 13
आज बागा मैं रे वीरा रिमीझिमी
आया मेरी मां का जाया वीर, हिरावन्द ल्याया चून्दड़ी
ओढ़ूँ तो हीरे-रे वीरा झड़-पड़, टिब्बे धरूं तो ललचे जिया
हीराबन्द लाया चून्दड़ी
ओढ़ दिखा दो बेबे चून्दड़ी, जीओ मेरे मां के जाये वीर
हीराबन्द लाया चून्दड़ी।
आज रसोईयां रे वीरा रिमझिमी,
आया मेरी मां का जाया वीर, हीराबन्द लाया चून्दड़ी।