घोड़ी-8
चंचल घोड़ी चाँदनी मथुरा सै आई,
लो मेरे बाबा मोल लो, थारी होवै बड़ाई।
कै लख घोड़ी का मोल है, कै लख में चुकाई,
नौ लख घोड़ी का मोल है, दस लख में चुकाई।
पैरों में घुँघरू बाजने, देखैं लोग-लुगाई,
ऐड़ लगा बन्ना चढ़ गया, पीछे सब भाई,
टप-टप घोड़ी चल पड़ी, समधी कै आई।
चंचल घोड़ी चाँदनी.......
(ताऊ, जामी, चाचा, फुफा, भाई, मौसा, मामा)