पारम्परिक देवी-देवताओं के लोकगीत

मेहन्दी के गीत

गीत
मेहँदा बोवन मैं गई कोई छोटे देवर के साथ,
मैं बोये बीघे डेढ़ सौ देवर ने बीघे चार,
मेहँदा रंगे भरा जी राज
मेहँदा सिचन में गई कोई छोटे देवर के साथ
मैं सींचे बीघे डेढ़ सौ देवर ने बीघे चार,
मेहँदा रंगे भरा जी राज
मेहँदा काटन मैं गई कोई छोटे देवर के साथ
मैं काटे बीघे डेढ़ सौ देवर न बीघे चार,
मेहँदा रंगे भरा जी राज
मेहँदा छानन मैं गई जी कोई छोटे देवर के साथ
मैं छाने बीघे डेढ़ सौ देवर न बीघे चार,
मेहँदा रंगे भरा जी राज
मेहँदा घोलन मैं गई कोई छोटे देवर के साथ
मैं घोले बीघेे डेढ़ सौ देवर न बीघे चार,
मेहँदा रंगे भरा जी राज
मेहँदा लगावन मैं गई जी कोई छोटे देवर के साथ
देवर रचाई छोटी आंगली भाभी नै दोनों हाथ,
देवर दिखवै माँ ए नै भाभी का पिया परदेष,
मेहँदा रंग भरा जी राज
पो पाटी पड़का हुआ कोई गई तेली के पास,
तेली बेटा तेल दे कोई आज जंगै सारी रात,
मेहँदा रंग भरा जी राज
आज बड़ी का ओसरा कोई करे सोहल सिंगार,
टग-टग महलां चढ़ गई, मेरे जबरक दिवला हाथ,
मेहँदा रंगे भरा जी राज
दिवला धरा दीवार पर जी खड़ी पलंग के पास,
कहो तो साजन सोई सा कहो तो पाछी जाऊं,
मेहँदा रंगे भरा जी राज
जाओ तो सुख सोई रहा रहो तौ बैरन रात,
टग-टग महलां उतरी मेरे जबरक दिवला हाथ,
मेहँदा रंगे भरा जी राज
छोटी पूछै ए बड़ी कहो रात की बात
पिया पर पत्थर पड़ो सेजां में पड़ो अंगार,
मेहँदा रंगे भरा जी राज
बड़ी कहवे ऐ छोटी कोई कर सोलह सिंगार,
टग-टग महलां चढ़ गई मेरा जबरक दिवला हाथ,
दिवला धरा दीवार पर खड़ी पिलंग के पास,
मेहँदा रंग भरा जी राज
कहो तो साजन सोई रहा कहो तो पाछी जाऊं
रहो तो सुख सै सोई रहा जाओ तो बैरन रात
हाथ साजन दे दिया कोई करली मन की बात
टग-टग महलां उतरी मेरा जबरक दिवला हाथ,
मेहँदा रंगे भरा जी राज
बड़ी पूछै ए छोटी कहो रात की बात,
पिया पर फुलड़े बरसो सेजां में उड़े गुलाल,
मेहँदा रंगे भरा जी राज।
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रतिजगा की मेहँदी
छोटी नन्द लेई साथ, बारी लाला मेहँदी तो सिचन धन चली मेरे लाल।
वो धन सी मां हमें री बताये वारी लाला जीन के तो बिछवे बाजने मेरे लाल।
वो धन बेटा गई है बौसाये बारी लाला विछवे तो धरे हे सुनार के मेरे लाल।
काते ही मां लम्बे-लम्बे तार वारी लाला देवर जाये मढारियो मेरे लाल।
काये नाते करी है सलाम वारी लाला,
काये नाते गेरी हम पे पारसी, मेरे लाल।
सासु नाते करी है सलाम वारीलाला,
शाली नाते गेरी हम पे पारसी मेरे लाल।
माए री तु मांसे कुमाए वारी लाल, देवर संग मत भेजियो मेरे लाल।
धीये री तु धीय कुछी वारी लाला, आये सजन उलटे न फिरे मेरे लाल।
अपनी कु भेजूँगी वीर वारी लाल, दस कोस पहुचा मेरे लाल ।
भाईया न मेरी है पीठ वारी लाल, देवर गाड़ा डाटीयो मेरे लाल।
भाभी री तू घूँघट के पट खोल वारी लाल,
क्या रे घड़ायो तेरे बाप न मेरे लाल।
घड़ायो लाला नौ तोले को हार वारी लाल,
दुलड़ी के ऊपर पांच लड़ी मेरे लाल।
पहुंची री मैं जेठ बड़े की पोल वारी लाल।
देवर जुलम गुजारियो मेरे लाल।
भारी री मैं तेरो री गुलाम वारी लाल, भइया से मत कहियो मेरे लाल।
पहुंची री में सुसर बड़े की पोल वारी लाल,
मोदु तो बट जेवड़ी मेर लाल।
देवरिया के जाये नन्द लाल वारी लाल,
काल कला कु बन्ध जायेगो मेरी नन्दी, गुट्ठा छुडावन जाये
मोदु की जाई कानी घोरी मेरे लाल,
देवरिया के पुजे सागर ताल वारी लाल।
मोदुु की पुछी मेरे लाल, देवर के बाजे जंगी ढोल वारी लाल
मोदु की बाजी डुगडुगी मेरे लाल,
देवर के खेल नन्द लाल वारी लाला, मोदु की मर गई कानी छोरी मेरे लाल।
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