पारम्परिक देवी-देवताओं के लोकगीत

गीत हनुमान जी का

गीत
किस के जन्मे अर्जुन पाण्डे
ये किन जाए अर्जुन पाण्डे, ये किन जाए हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
कुन्ती जाए अर्जुन पाण्डे अंजनी नै जाए हनुमान, हनुमान पियारे
ये दल कित रै समाए।
कहाँ से आए अर्जुन पाण्डे कहाँ से आए हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
पूर्व से आए अर्जुन पाण्डे, पष्चिम से आए हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
कित उतरेंगे अर्जुन पाण्डे कित उतरेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
बाग-बगीचा अर्जुन पाण्डे मन्दिर में विराजै हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
के नहावेंगे अर्जुन पाण्डे के नहावेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
कुआँ बाबड़ी अर्जुन पाण्डे समुन्द्र में कूद हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
के पहरंेगे अर्जुन पाण्डे के रे पहरेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कि रै समाए।
कच्चिया मल मल अर्जुन पाण्डे लाल लंगोटा हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
के चीरचेंगे अर्जुन पाण्डे के रे चीरचेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
चन्दन चीरच अर्जुन पाण्डे लाल सिन्दूर हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
के जीमेंगे अर्जुन पाण्डे के रै जीमेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
दाल-भात तो अर्जुन पाण्डे सरस मलिदा हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
कित बैठेंगे अर्जुन पाण्डे कित बैठेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
चंदन चैकी अर्जुन पाण्डे मन्दिर में बैठे हनुमान हनुमान पियारे
ये दल कित रै समाए।
के रे पिवेंगे अर्जुन पाण्डे के रै पिवेंगे हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
षर्बत पीवै अर्जुन पाण्डे दूध पतासा हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
कद सुमरंगे अर्जुन पाण्डे कद रे सुमरंगे हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
नीत उठ सुमरे अर्जुन पाण्डे भीड़ पड़े हनुमान, हनुमान पियारे,
ये दल जैसे कारज राजा राम चन्द्र के सारे
ऐसे म्हारे देई देवता के सारे हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
जैसे कारज राजा रामचन्द्र के सारे
ऐसे म्हारै जय भगवान के सार हनुमान पियारे
ये दल कित रै समाए।
जैसे कारज राजा रामचन्द्र के सारे
ऐसे म्हारे राजु के सार हनुमान पियारे,
ये दल कित रै समाए।
जैसे कारज राजा रामचन्द्र के सारे
ऐसे हमारे सासु-बहू के सार हनुमान प्यारे
ये दल कित रै समाए।
जैसे कारज राजा रामचन्द्र के सारे
ऐसे म्हारे दुरानी-जिठानी के सार हनुमान पियारे
ये दल कित रै समाए।
जैसे कारज राजा राम चन्द्र के सारे
ऐसे म्हारे धी-जमाई के सार हनुमान पियारे
ये दल कित रै समाए।
लंका तोड़ बलंका तोड़ी
लाए है सिया जी न साथ हनुमान पियारे
धन-धन अंजनी कुख तुम्हारी
तुम जाये हनुमान, हनुमान पियारे
ये दल कित रै समाए।

नोट: परिवार के छोटे-बड़ों तथा बहुओं के नाम लिये जाते हैं।
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