कलेवा सवेरे गाने का
गीत
हम तो री माता गैंया पै चाले हमको कलेऊ देओ जी राज।
हम तो रे बेटा बैठे भजन पे तो राधा कलेऊ देगी जी राज
खट्टी सी छाछ चपटिया के धौवन राधा कलेऊ लाई जी राज।
ये तो कलेऊ राधा हमें नहीं भावे माता कलेऊ देगी जी राज।
तुम तो हो राधा ओंछे घरों की नार कलेऊ ना जानो जी राज।
माखन मिश्री दही को री बेला माता कलेऊ लाई जी राज।
तुम तो री माता पूरे घरां की तो पूरो कलेऊ लाई जी राज।
करके कलेऊ कान्हा गऊओं पै तो वन-वन गाय चराई जी राज।
सांझ भई दिन छिपने को आयो कान्हा घर को आए जी राज।
गैया तो कान्हा बांधी खिरक में कान्हा घर को आए जी राज।
मां भी दीखे] बहन भी दीखे] एक ना दीखे राधा प्यारी जी राज।
तेरी राधा बेटा गर्भ गहीली जा सोई ऊंची अटारी जी राज।
गम-गम करके कृष्ण हर चढ़ गए राधा जाके जगाई जी राज।
हम को कृष्ण हर औछे घरों के नार कलेऊ ना जाने जी राज।
तेरो-मेरो राधा एक ही जीहरा मैं मन राखो बूढ़ी मां को जी राज।
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