पारम्परिक देवी-देवताओं के लोकगीत

तीलवा

गीत
सईये सांझ के तीलवा मेरे नन्दी तीलवा अलबेली बोये आधी सी रात
सेर न लूंगी ऐ दूसेरी न लूंगी, लूंगी मैं धड़ी ऐ तुलाए।
आले न लूंगी गीले न लूंगी, लूंगी मैं धूप सुखाए।
अपनो वीरेन समझा ले मेरे नन्दी समझा ले अलबेली पर घर चोरी कु जाए
देवर होये तो बरजु मेरी नन्दी भइयो न बरजो जाए
घर की तो खांड़ कीरकरी मेरी नन्दी चोरी को गुड़ खाए।
घर की तो सेज न सोये मेरे बलमा पर घर सोवन जाए।
घर की तो गोरी ऐसी मेरे बलमा, जैसे कोठी को नाज।
दाव लगे जब खइयो मेरे बलमा, न तो धरो ऐ उठाए।
पर घर गोरी ऐसी मेरी बलमा, जैसे खांड़े तलवार।
दाव लगे जब खइयो मेरे बलमा, आवेगो सीस बटाए।
जब बलमा पे पड़ोगो लोदरा, छतीया फट-फट जाए
गले कातो हसला बेचु मेरी नन्दी राजा ऐ लाऊ छुड़ाए
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