गीत दिवाका -1
कहां से आया गडरिया गडरिया, कहां से आया रै लुहार
म्हारी ऊंची डांडी का दिवला
म्हारे चैडे़ झाबे का दिवला जी
कै मण गाल्या लोहा, कै मण गाल्या लाल लुहारी कोयला जी
म्हारी ऊंची डांडी का दिवला जी
नौ मण गाल्या कोयला जी, दस मण गाल्या लोहा
म्हारै सरसै डांडी का दिवला जी
हमारै चैडे झाबै का दिवला, म्हारी ऊॅची डांडी का दिवला जी
क्याऐ की बाती परोई जी, क्याऐ का घाल्या धीरत
म्हारी ऊंची डांडी का दिवला जी
म्हारै चैड़े झाबे का दिवला, म्हारे सरसै डांडी का दिवला जी
गड रूई निर्मल की घाली बाती, सुरयल का धीरत पिरोया जी
चास घरूगी स्यामी सालै मै, पिछैल पछेली चानणा जी
म्हारी ऊंची डांडी का दिवला, म्हारे सरसै डांडी का दिवला
चास धँरूगी घर के बाहर - म्हारे पित्तरां के घर चानणा जी
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