खेतरपाल का गीत
इन रै गांवा कै गोरवै, औ गौरा गुरल बीन बजाई ओ लाल
हरके नयना लहरियो, बल देई म्हारा, गुरला भाइला
लीला सा घोड़ा हिसना ओ गौरा,
म्हारा सुसरा जी जात पधारै ओ लाल म्हारै जेठ जी जात पधारै,
हरके नयना लहरियो बलदेई म्हारा गुरला भाइला
लाल चूड़ा पीली फांगड़ी ओ गौरा,
म्हारी सासू जात पधारी ओ लाल
म्हारी जीठानी जात पधारी ओ लाल,
हरके नयना लहरियो बल देई म्हारा गुरला भाईला.....
मां ए उढ़ाई मनै चून्दड़ी ओ गौरां,
थे म्हानै पीलारो भेस ओ लाल
हरके नयना लहरियो बल देई म्हारा गुरला भाइला.....
एक गोदी दूजा आंगली औ गौरां, तीजा मांगन आई ओ लाल
मै तो चैथे की करूं ए सगाई ओ लाल,
मैं तो पांचवे का ब्याह रचांऊ ओ लाल
हरके नयना लहरियो बल देई म्हारा गुरला भाइला.....
मैं हूं गौरा जी थारी बहनड़ी, ओ गौरा थे म्हारा समर्थ भाई ओ लाल
हरके नयना लहरियो बल देई म्हारा गुरला भाइला.....
सासू रै औले धोक सां, ओ गौरा थे म्हारी रली ए बधाई ओ लाल
हरके नयना लहरियो बल देई म्हारा गुरला भाइला.....
इन रे गामा के गोरवै ओ गौरा रामचन्द्र जात पधारो ओ लाल
राधेष्याम जात पधारो ओ लाल विश्णु जात पधारो ओ लाल
हरके नयना लहरियो बलदेई म्हारा गुरला भाइला।
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