लगन-3
बनड़ी थारै दादा जी न कहियो, थारै ताऊ जी न कहियो
लगन लिखा ऐ राया को, बनडा म्हारै से क्हया ऐ ना जावै
आप लिख भेजो ऐ रायांका,
बनड़ी थारै आँखाँ का कोईया, सच्चे मोती पोया ए रायांकी
बनड़ी थारै हाथ की रै हथैली, वा भी फूट सुहाली ए रायांकी
बनड़ी थारै गोजे में गुड़धानी, वा भी मेवा राया की
बनड़ी थारी जीवड़ली रतनाली, बोल अमृतवाणी ऐ राया की
बनड़ी थारी जामी जी न कहियो, लगन लिखवै ऐ राया की
बन्नी भारै मामा जी ने कहियो, भात सिंजोवे ऐ राया की
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