लगन के गीत

लगन

लगन-1
मेरे दादा कै चार हवेली, चारूँ तो जगमग हो रही
पहली हवेली मैं ए लाडो जन्म लिया था, दूजी मै हवन कराइयो
तीजी हवेली लाडो लगन लिख्या था, चैथी मे वेदी रचाइयो
मेरे ताऊ कै चार हवेली चारूँ तो जगमग हो रही
लगन-2
किसने दिया ऐ लगन पर हाथी, किसने गंुथी री माँग भर चैटी
दादा दिया ऐ लगन पर हाथी, दादी गुंथी ए मांग भर चोटी
किसने दिया री लगन पर हाथी, ताऊ पापा चाचा फूफा मामा
लगन-3
बनड़ी थारै दादा जी न कहियो, थारै ताऊ जी न कहियो
लगन लिखा ऐ राया को, बनडा म्हारै से क्हया ऐ ना जावै
आप लिख भेजो ऐ रायांका,
बनड़ी थारै आँखाँ का कोईया, सच्चे मोती पोया ए रायांकी
बनड़ी थारै हाथ की रै हथैली, वा भी फूट सुहाली ए रायांकी
बनड़ी थारै गोजे में गुड़धानी, वा भी मेवा राया की
बनड़ी थारी जीवड़ली रतनाली, बोल अमृतवाणी ऐ राया की
बनड़ी थारी जामी जी न कहियो, लगन लिखवै ऐ राया की
बन्नी भारै मामा जी ने कहियो, भात सिंजोवे ऐ राया की
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लगन-4
बनी मत कर सोच मनो में, साजन घर जाना होगा
वहा दादा होगे ना दादी, वहां ताऊ होगे ना ताई
वहां देष पराया होगा, सब अपनी अपनी कहेगे
तेरी ना कोई सुनेगा, आँखों से नीर बहेगा
आँचल से पोछना होगा, बनी मत कर सोच मनों में।
लगन-5
झारे झमके गो बरसे मेह री तेरी सांस करेेगी आरता
तेरे हाथ लोटा गोद बेटा कर ऐ सुहागन आरता,
तेरे हाथ राई गोद भाई करऐ सुहागन आरता,
तेरे हाथ कसीदा गोद भतीजा करऐ सुहागन आरता
तू किस साहब की धीयड़ कहिए, किस साहेब की कुल बहु
में तो अपने पिता की धीयड़ कहिए, बड़े रे ससुर की कुल बहु!
उखल जेरै का गीत
एक ऊखल डोरा मुसलडोरा,
डोरा म्हारै लाडलडे कै हाथ जी,
एक छाज डोरा खारी डोरा,
डोरा म्हारै सात सुहागना
आपन पिसन का गीत
आपण रगड़ो ऐ सखी सील धरकै, हाथ बणन्दा म्हारी बहू कमला कै
कान बणन्दा म्हारी बहू अनिता कै, आपण रगड़ो ए सखी सील धर कै ।