जच्चा बधाई
मिल के खुशी मनाए हम, ये दिन खुशियों वाला आया,
मिल के झूमें गाये हम, ये दिन खुशियों वाला आया।
झूम रहा है गगन, खुशियों से नाच रही है धरती,
बांध के घुंघरू घर आई, खुशियाँ छम-छम करती।
कैसे इसे छुपाए हम, ये दिन खुशियों वाला आया,
सदके जाऊं इस सतगुरु पर, जिसने ये खुशियां दिखाई।
पूरी हो गई चाह सभी की, मुँह मांगे मुरादें पाईं,
लख-लख शुक्र मनाएँ हम, ये दिन खुशियों वाला।
बिन पंखों के उड़ी जाऊं, पड़े ना पांव जमी पर,
अपने जैसा भागों वाला, होगा कौन कहीं पर।
कैसे इसे छुपाए हम, ये दिन खुशियों वाला आया,
आठ पहर दस्तक देती हैं, खुशियाँ जिनके दर पर।
तीन लोक के मालिक का है, हाथ ये मेरे सिर पर,
झूमें नाचें गाए हम, ये दिन खुशियों वाला आया।
चैरासी में गूंज रही है, खुशियों की शहनाई,
सुन्दर साथ को देने आए, सतगुरु आज बधाई।
सच्ची बात बताएँ हम, ये दिन खुशियों वाला आया।।
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