बन्नी के मंगल गीत

सुहाग के गीत

जकड़ी के गीत- 1
चिर सुहाग की आकांक्षा को लेकर बन्नी गौर पूजन करती है। घर के आत्मीय बुजुर्गों का आषीर्वाद प्राप्त करती है। इसी परम्परा का एक मधुर चित्र देखिए -
गौर पर गाने वाला सुहाग-1
बाबा बोई री बाबा बोई री सुहागा री क्यिारी
दादी सीचैं री दादी सीचैं री लाडो लोटा भर जारी
सदा थीर रहीयो सदा थीर रहियो लाडो थारी जोड़ी
सदा अवचल रहियो सदा अवचल रहियों लाडो थारी जोड़ी
ताऊ बोई री ताऊ बोई री सुहागा री क्यिारी
ताई सिचैं ए ताई सिचे री लोटा भर झारी
सदा रहियो सदा सुखी रहियो ए लाडो थारी जोड़ी
सदा बनी रहियो ए लाडो थारी जोडी
सुहाग-2
हरियाले ने भेजा सुहाग ऐ लाडो तेरे लिये
सहजादे ने भेजा सुहाग ऐ लाडो तेरे लिये
टीका भी भेजा उसने सूइयाँ भी भेजी
बिंदिया में भेजा सुहाग ऐ लाडो तेरे लिये
हरियाले ने भेजा......
झुंमकी में भेजा सुहाग ऐ लाडो तेरे लिये
चुनड़ी में भेजा सुहाग ऐ लाडो तेरे लिये
हरियाले ने भेजा.......
कंगना में भेजा सुहाग ऐ लाडो तेरे लिये
मेहँदा में भेजा सुहाग ऐ लाडो तेरे लिये
हरियाले ने भेजा ......
चलगत की अजब बहार ऐ लाडो तेरे लिये
हरियाले की अजब बहार ऐ लाडो तेरे लिये
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सुहाग-3
सुहाग माँगन दादी पै गई, सुहाग माँगन ताई पै गई
दादी भर दो ना मांग सिन्दूर सुहाग म्हानै थे ही दोगी ए
ताई भर दो मांग सिन्दूर सुहाग म्हानै थे ही दोगी
लाडो हथ मेहँदा बइयाँ चूड़ा सीस डोरा ए
लाडो भर दवांगे मांग सिन्दूर सुहाग थानै राम देगा ए
सुहाग माँगन अम्मा पै गई, सुहाग माँगन चाची पै गई
चाची भर दो ना मांग सिन्दूर सुहाग म्हानै थे ही दोगी ए
सुहाग-4
सुहाग लाडो तेरी मंगिया मैं, तेरे बाबा जी लाये डिबिया में,
दादी रानी ने भर दिया मंगिया में, सुहाग लाडो तेरी मंगिया में,
तेरे ताऊ जी लाये डिबिया में, ताई रानी ने भर दिया मंगिया मै,
सुहाग लाडो तेरे पापा जी लाए डिबिया में,
अम्मा रानी ने भर दिया मंगिया में
सुहाग लाडो तेरी मंगिया में, तेरे चाचा जी लाए डिबिया में,
चाची रानी ने भर दिया मंगिया में, सुहाग लाडो तेरी मंगिया में,
(भाई-भाभी, चाचा-चाची, जीजा-बहना)
सुहाग-5
बन्ना तो पूछै ऐ बन्नी लाडली
हां ऐ बन्नी किस गुण लाम्बा थारा केष, सुहागदार बीड़ला
मायड़ नुहाई कच्चे दूध सै,
हाँ ओ राईवर इस गुण लम्बे म्हारे केश, सुहागदार बीड़ला
बनी किस गुण मोटे थारे नैन, सुहागदार बीड़ला
सुरमा तो सारया बीकानेर का
हाँ ओ राईवर इस गुण तीखे म्हारै नैन, सुहागदार बिड़ला
बन्ना तो पुछै ए बन्नी लाडली
हाँ ऐ बन्नी किस गुण धोले थारे दाँत, सुहागदार बीड़ला
मायड़ चबाया कच्चा खोपरा,
हाँ ओ बन्ना इस गुण, धोले म्हारे दाँत, सुहागदार बीडला
बन्ना तो पूछै ऐ बन्नी लाडली
हाँ ऐ बन्नी किस गुण, गोरा थोरा गात, सुहागदार बीड़ला
केसर तो मसली, मँहगे मोल की
हाँ ओ राईवर इस गुण, गोरा म्हारा गात, सुहागदार बीड़ला
बन्ना तो पूछै ए बन्नी लाडली
हाँ ऐ बन्नी किस गुण पाया भरतार, सुहागदार बीड़ला
बरत करया था करवाचैथ का
इस गुण पाया भरतार, सुहागदार बीड़ला
बन्नी तो पूछै ए बनड़ा लाडला
हाँ ओ बन्ना किस गुण पाई बढ़ नार, सुहागदार बीड़ला
बरत करया था, महादेव का
हाँ ऐ बन्नी इस गुण पाई बढ़नार, सुहागदार बीड़ला
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सुहाग-6
कहो राजा जनक कहो सीया प्यारी।
किन तेरी गोद भरी मेवा सै, किन तेरी रुच-रुच मांग सवारी,
बाबा मेरी गोद भरी मेवा सै, दादी रानी रुच-रुच मांग सवारी।
ताऊ मेरी गोद भरी मेवा सै, ताई रानी रुच-रुच मांग सवारी।
कहो राजा जनक...........
(बापू-अम्मा, चाचा-चाची, फूफा-बुआ, भाई-भाभी, नाना-नानी, मामा-मामी)
सुहाग कामण-7
बन्नी की दादी, दाल दलो नै उड़दां की,
बन्नी की ताई, दाल दलो नै उड़दां की।
थे उड़द मूंग सब दल लो, सुहाग कामण कर लो,
सुहाग बाई के अलै, कामनिया बाई के पल्लै।
बन्नी की अम्मा, दाल दलो नै उड़दां की।
बन्नी की चाची, दाल दलो नै उड़दां की।
(बुआ, मौसी, दीदी, भाभी, मामी)
सुहाग कामण-8
बाबुल की दुवाएँ लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले
मैके की कभी ना याद आए, ससुराल में इतना प्यार मिले।।
सीसफूल तेरा सवा लाख का, बिदियाँ ये अमर सुहाग रहे
पल्लू में कामण चार बंधे, बिंदियाँ पर अमर सुहाग रहे
(इस प्रकार नेकलेस, नथनी, चून्दड़, मेहंदी लेना )
सुहाग कामण-9
मैं एक छोटी सी मैं एक नन्ही सी बनड़ी हूँ
तुम हो मेरे सुहाग, बनाजी मेरी अरज सुनो-2
कुमकुम लाए, टीका लाए, बिं िदयाँ है मेरा सुहाग
हार लाए, कंठी लाए, मंगलसूत्र है मेरा सुहाग
बना जी मेरी अरज सुनो
झुमका लाए, रिग लाए, नथनी है मेरा सुहाग
घड़ियाँ लाए छल्ला लाए, चूड़ियाँ है मेरा सुहाग
साड़ी लाए जम्फर लाये, चूंदड़ है मेरा सुहाग
चप्पल लाए, पैजनियां लाए, बिछुए है मेरा सुहाग
बना जी मेरी अरज सुनो
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सुहाग-10
श्री कृश्ण बने मनियार लला, गली-गली में पुकारे कोई ले लो चूड़ियाँ
छज्जे बैठी कंवर लाडली, देखु रे मनियार तेरी कैसी चूड़ियाँ
काली नहीं पहनूँ मैं पीली नहीं पहनूँ
पहनू रे मनियार हरी लाल चूड़ियाँ
बाबा आवै नेग चुकावै, ताऊ आवै नेग चुकावै,
दादी रानी नैे पहनाई हरी लाल चूड़ियाँ
ताई रानी नै पहनाई हरी लाल चूड़ियाँ
श्री कृश्ण बने मनियार लला,
गली-गली में पुकारे कोई ले लो चूड़ियाँ
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सुहाग-11
सुहाग मांगन चाली अपने बाबा के दरबार
सुहाग मांगन चाली अपने ताऊ के दरबार
बाबा जी दो नै सुहाग, ताऊ जी दो नै सुहाग
भोली भाली नै सुहाग अखन क्ंवारी नै सुहाग
भाईया प्यारी नै सुहाग, बड़ परवारी नै सुहाग
ऐ मां मैं क्या जानँू कामण ऐसा गुण लाग्या
लाग्या लाग्या वो राईबर इंदली बींदली सहगुण लाग्या
काजल टीकी मे गुण लाग्या मैण मजीटी में गुण लाग्या
बाई थारो बन्ना है नादान छड़ियाँ खेलेगो चैगान
ऐ माँ मैं क्या जानूँ कामण ऐसा गुण लाग्या
सुहाग मांगण चली अपनी जामी के दरबार
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सुहाग-12
मेरी सोती बन्नो को जगा गई रे उड़ने वाली चिड़िया-2
उड़-उड़ चिड़िया टीके पर बैठी-2
टीके को सब रंग दे गई रे उड़ने वाली चिड़िया
मेरी सोती बन्नो को ......
उड़-उड़ चिड़िया झुमको पै बैठी-2
झुमको को सब रंग दे गई रे उड़ने वाली चिड़िया
मेरी सोती बन्नो को ......
उड़-उड़ चिड़िया हरवे पै बैठी-2
झुमको को सब रंग दे गई रे उड़ने वाली चिड़िया
मेरी सोती बन्नो को ......
उड़-उड़ चिड़िया कंगन पै बैठी, चूड़ियाँ पै बैठी-2
कंगन को सब रंग दे गई रे उड़ने वाली चिड़िया
मेरी सोती बन्नो को ......
उड़-उड़ चिड़िया तगड़ी पै बैठी, गुच्छे पै बैठी-2
तगड़ी को सब रंग दे गई रे उड़ने वाली चिड़िया
मेरी सोती बन्नो को ......
उड़-उड़ चिड़िया पायल पै बैठी-2
पायल को सब रंग दे गई रे उड़ने वाली चिड़िया
मेरी सोती बन्नो को ......
उड़-उड़ चिड़िया मेरी बन्नो पै बैठी-2
मेरी बन्नो को पंख लगा गई रे उड़ने वाली चिड़िया
मेरी सोती बन्नो को ......
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सुहाग-13
आओ सखि बन्नी को मेहँदी लगा दो,
मेंहदी लगा दो इसे सुंदर बना दो।
मेरी प्यारी बन्नो को दुल्हन बना दो।
आओ सखि.........
ऐसी लाओ चूड़ियाँ, जो कभी नहीं देखीं,
ऐसा ढूंढ़ो बन्ना, जिसमें नहीं कोई सेखी।
अटल सुहाग की बिंदिया लगा दो,
आओ सखि.........
ऐसी लाओ चूनरी, जिसका रंग नहीं छूटे,
प्रीत का धागा, कभी नहीं टूटे,
मोतियन से बन्नी की मांग भरा दो।
आओ सखि.........
अपनों से नाता तोड़ उनकी हो जाएगी,
करके श्रंृगार बन्नी, बन्ने को रिझाएगी,
भैया को बुलाके, इसकी डोली तो सजा दो।
आओ सखि.........
नयनों में आँसू लाड़ो, सबको रुलाएगी,
सबसे बिछड़ के लाड़ो, विदा हो जाएगी,
भैया को बुलाके इसकी डोली को विदा दो।
आओ सखि.........
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सुहाग-14
मेहँदी है नाजों वाली, जयपुर से है मंगवाली,
आओ लगवा लो बन्नी आज, जाओगी कल ससुराल,
आओ सजाए इनको, मेहँदी लगाए इनको,
दुल्हन बनेगी देखो आज, जाओगी कल ससुराल।
जाइयो वहाँ पे बहना आँखों में प्यार लेके,
चढ़ती जवानी की ये, पहली बहार लेके,
बाबुल के घर की सारी, रौनक बहार लेके,
मुख पे ये घूंघट प्यारा, हाथों में ले वरमाला,
जाओ पहनाओ उनको आज, जाओगी कल ससुराल।
मेहँदी है नाजों वाली...........
शहनाई द्वार बाजे धूम मची है अंगना,
दिल को लुभाए ऐसा बाँधा है आज कंगना,
मेहँदी वाले ये हाथ, थामेंगे आज सजना,
किस्मत खिली तुम्हारी, ये दुनिया सजी तुम्हारी,
मेहँदी पे जा हम निसार, जाओगी कल ससुराल।
मेहँदी है नाजों वाली...........
मेहँदी की बात निराली है, ये कुछ जादू वाली,
हाथों में लाली चढ़ाए, सैंया के दिल को भाए,
बाँधेगी ऐसा बंधन, जो कभी न जाए छुड़ाए,
महिमा है इसकी निराली, भर देगी दिल में लाली,
आओ लगाओ इनको आज, जाओगी कल ससुराल।
मेहँदी है नाजों वाली...........
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