सुहाग-14
मेहँदी है नाजों वाली, जयपुर से है मंगवाली,
आओ लगवा लो बन्नी आज, जाओगी कल ससुराल,
आओ सजाए इनको, मेहँदी लगाए इनको,
दुल्हन बनेगी देखो आज, जाओगी कल ससुराल।
जाइयो वहाँ पे बहना आँखों में प्यार लेके,
चढ़ती जवानी की ये, पहली बहार लेके,
बाबुल के घर की सारी, रौनक बहार लेके,
मुख पे ये घूंघट प्यारा, हाथों में ले वरमाला,
जाओ पहनाओ उनको आज, जाओगी कल ससुराल।
मेहँदी है नाजों वाली...........
शहनाई द्वार बाजे धूम मची है अंगना,
दिल को लुभाए ऐसा बाँधा है आज कंगना,
मेहँदी वाले ये हाथ, थामेंगे आज सजना,
किस्मत खिली तुम्हारी, ये दुनिया सजी तुम्हारी,
मेहँदी पे जा हम निसार, जाओगी कल ससुराल।
मेहँदी है नाजों वाली...........
मेहँदी की बात निराली है, ये कुछ जादू वाली,
हाथों में लाली चढ़ाए, सैंया के दिल को भाए,
बाँधेगी ऐसा बंधन, जो कभी न जाए छुड़ाए,
महिमा है इसकी निराली, भर देगी दिल में लाली,
आओ लगाओ इनको आज, जाओगी कल ससुराल।
मेहँदी है नाजों वाली...........
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