बन्नी के मंगल गीत

जकड़ी के गीत

जकड़ी के गीत- 1
विवाह के बाद वधू को बुलाने के लिए ससुराल से डोला भेजा जाता है। लोक मान्यताओं के चलते वधू को गौना कराने परिवार के लोग जाते हैं, किन्तु गोरी सोचती है कि इतने दिनों बाद तो बुलावा आया वो भी बुलाने पति नहीं आए तो जाने का क्या आनन्द?

मैं ससुराल नहीं जाऊंगी, डोलो रख दो कहारो ।
पहला संदेषा सुसर जी का आया,
मैं बुड्ढे के संग ना जाऊंगी डोला रख दो कहारो
दूजा संदेषा जेेठ जी का आया,
मैं मोटू के संग ना जाऊंगी डोला रख दो कहारो
तीजा संदेषा देवर जी का आयो,
मैं बालक के संग न जाऊंगी डोला रख दो कहारो
चैथा संदेषा बलम जी का आया,
अब तो मैं दौड़ी दौड़ी जाऊँगी
डोला द्वारे पै रख दो ।।
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जकड़ी- 2
मैं रेषम का तार री ननदिया।।
मेरे ष्वसुर के सात पुत्र हैं
मैं काले से ब्याही री ननदिया ।। मैं रेषम का
मेरे पिछवाड़े बाजार लगत है
काले को बेचन जाऊँ री ननदिया ।। मैं रेषम का
गेहूँ बाजरा सब कोई लेवे,
काले को कोई भी ना लेवे री ननदिया।। मैं रेषम का
मेरे पिछवाड़े बरगद का पेड़ है,
काले को बांधन जाऊँ री ननदिया ।। मैं रेषम का
बाँध-बूँध जब वापस आई तो,
काला मटकता आवे री ननदिया ।। मैं रेषम का
मेरे ष्वसुर की सात कोठरी
काले ने मूंदन जाऊँ री ननदिया ।। मैं रेषम का
बारह बरस मे खोली कोठरी
काले से गोरा हो गया री ननदिया ।। मैं रेषम का
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जकड़ी- 3
1. रात के बारह बजे, ..................... हो ओ----
2. गली में हुल्लड़ मचे, .............. हो ओ----
3. दरवाजा खटखटाया, ................... हो ओ----
4. दरवाजे कौन आया, ................... हो ओ----
5. दरवाजे बन्ना आया, ................... हो ओ----
6. दरवाजा किसने खोला, ................ हो ओ----
7. दरवाजा बन्नी ने खोला, .............. हो ओ----
तो बन्ने ने क्या कहा
मेंहदी लगा के रखना, डोली सजा के रखना,
लेने तुझे ओ गोरी आएँगे तेरे सजना।

विशेष: इस गीत में ऊपर की सात लाइनों में बन्ना-बन्नी की जगह समधी-समधिन, पापा-मम्मी कहकर हर बार सात लाइनें बोलकर दोहे गाते हैं।

समधी-समधन: वादा हमसे किया दिल किसी को दिया
बेवफा हो बड़े हटो जाओ पिया

पापा-मम्मी: ऐ मेरी ज़ोहराजबीं तुझे मालूम नहीं
तू अभी तक है हसीं और मैं जवां
तुझ पे कुरबान मेरी जान मेरी जान

दादा-दादी: और इस दिल में क्या रखा है
आपका ही नाम छुपा रखा है

ताऊ-ताई: जहाँ मैं जाती हूँ वहीं चले आते हो
चोरी-चोरी मेरे दिल में समाते हो
ये तो बताओ के तुम मेरे कौन हो

चाचा-चाची: तू मेरा शायर मैं तेरी शायरी
तुझे मिलने को दिल करता है मेरे सजना

बहन-जीजा: मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू
आई रूत मस्तानी कब आएगी तू
बीती जाए ज़िन्दगानी कब आएगी तू, चली आ तू चली आ

मामा-मामी: गोरे रंग पे ना इतना गुमान कर
गोरा रंग दो दिन में मिट जाएगा

मौसा-मौसी: बार-बार तोहे क्या समझाए पायल की झंकार
के तेरे बिन साजन लागे न जियरा हमार

बहन-भाई: मेरे चंदा मेरे सूरज मेरे अनमोल रतन
तेरे बदले में जमाने की कोई चीज़ नहीं
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जकड़ी-4
मैं हूँ बड़ा दुखियारा मेरी है नहीं लुगाई-2
दौड़ा-दौड़ा मैं तो हलवाई पै गया था-2
बना दे मेरे यार मेरी बरफी की लुगाई
बरफी की लुगाई मैंने थाली में सजाई
आ गए मेहमान मेरी खा गए लुगाई
मैं बड़ा दुखियारा....
दौड़ा-दौड़ा मैं तो सुनार पै गया था-2
बना दे मेरे यार मेरी सोने की लुगाई-2
सोने की लुगाई मैंने अलमारी में सजाई
आ गए वो चोर मेरी ले गए लुगाई
मैं बड़ा दुखियारा ....
दौड़ा-दौड़ा मैं तो कुम्हार पै गया था-2
बना दे मेरे यार मेरी मिट्टी की लुगाई-2
मिट्टी की लुगाई मैंने छत पे सुखाई
आ गई बरसात मेरी बह गई लुगाई
मैं बड़ा दुखियारा ....
दौड़ा-दौड़ा मैं तो दर्जी के गया था
बना दे मेरे यार मेरी कपड़े की लुगाई
कपड़े की लुगाई मैंने रस्सी पे सुखाई
आ गया तूफान मेरी उड़ गई लुगाई
मैं बड़ा दुखियारा ....
दौड़ा-दौड़ा मैं तो मन्दिर में गया था
बना दे मेरे यार मेरी सचमुच की लुगाई
सचमुच की लुगाई मैंने सेजों पे सजाई
मिल गई मिल गई मिल गई मुझे सचमुच की लुगाई
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जकडी-5
तुम्हारी माय लड़े दिन रात, हमसे होती ना बदी,
न्यारा हो जा, न्यारा हो जा, भरतार न्यारा हो जा।
हमने पाईया (एक पांव) चून भतेरा, पराँठा तेरा भी बन जाए,
फुल्का मेरा भी बन जाए, चूरमा पप्पू को हो जाए,
न्यारा हो जा, न्यारा हो जा, भरतार न्यारा हो जा।
हमने पाइया दूध भतेरा, काॅफी तेरी भी हो जाए,
चाय मेरी भी बन जाए, बोतल पप्पू की भर जाए,
न्यारा हो जा, न्यारा हो जा, भरतार न्यारा हो जा।
हमने एक मीटर कपड़ा भतेरा, पैंट तेरी भी हो जाए,
ब्लाऊज मेरा भी बन जाए, झबला पप्पू का बन जाए,
न्यारा हो जा, न्यारा हो जा, भरतार न्यारा हो जा।
हमने एक गज धरती भतेरी, आॅफिस तेरा भी हो जाए,
महल मेरा भी बन जाए, कमरा पप्पू का हो जाए,
न्यारा हो जा, न्यारा हो जा, भरतार न्यारा हो जा।
हमने एक ननद भतेरी, राखी तेरी भी बँध जाए,
जापा मेरा भी कढ जाए, जोड़े पप्पू के ले आए,
न्यारा हो जा, न्यारा हो जा, भरतार न्यारा हो जा।
मैं तो अपने साझे ससुर नै लूँगी, डब्बा तेरा भी दे आए,
रोटी मेरी भी ले आए, स्कूल पप्पू को भी छोड़ आए,
न्यारा हो जा, न्यारा हो जा, भरतार न्यारा हो जा।
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जकडी-6
हिसाब जरा सुनते जाना जी, बही पर लिखते जाना जी,
गौर से सुनते जाना जी, ध्यान से लिखते जाना जी,
रुपये मुझपे सौ जी, रुपये मुझपे सौ जी,
दस के ले लिए गेहूँ चन्ने, दस के लिए जौ जी,
हिसाब जरा सुनते जाना जी, बही पर लिखते जाना जी,
रुपये रह गये अस्सी जी, रुपये रह गये अस्सी जी,
दस की पी लेई सोडावाॅटर, दस की पी लेई लस्सी जी,
हिसाब जरा सुनते जाना जी, बही पर लिखते जाना जी,
रुपये रह गये साठ जी, रुपये रह गये साठ जी,
दस के खा लिए आलू-छोले, दस की खा लेई चाट जी,
हिसाब जरा सुनते जाना जी, बही पर लिखते जाना जी,
रुपये रह गये चालीस जी, रुपये रह गये चालीस जी,
दस के ले लिए क्रीम पाउडर, दस की ले ली लाली जी,
हिसाब जरा सुनते जाना जी, बही पर लिखते जाना जी,
रुपये रह गये बीस जी, रुपये रह गये बीस जी,
दस की ले लिए काॅपी-पेंसिल, दस की दे दई फीस जी
हिसाब ज़रा सुनते जाना जी, बही पर लिखते जाना जी,
मम्मी गई अन्दर पापा गये बाहर, कल का खर्चा लाना जी,
हिसाब ज़रा सुनते जाना जी, बही पर लिखते जाना जी,
गौर से सुनते जाना जी, ध्यान से लिखते जाना जी।
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जकडी-7
काले री बलम मेरे काले-काले।
जेठ गया दिल्ली, देवर गया मेरठ,
काला गया रे, कलकत्ते शहर में। काले री..............
जेठ लाया बरफी, देवर लाया पेड़े,
काला लाया रे, काली गाजर का हलवा।
थूक देई बरफी, फेंक दिए पेड़े,
खूब खाया रे, काली गाजर का हलवा। काले री..............
जेठ लाया लट्ठा, देवर लाया मलमल,
काला लाया रे, काले बाॅर्डर की साड़ी।
फट गया लट्ठा, सिमट गई मलमल,
खूब पहनी रे, काले बाॅर्डर की साड़ी। काले री..............
जेठ लाया गुड़िया, देवर लाया बुढ़िया,
काला लाया रे, काले मुँह की बंदरिया।
टूट गई गुड़िया, मर गई बुढ़िया।
खूब नाची रे, काले मुँह की बंदरिया। काले री..............
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जकडी-8
बेटा-बेटा मत कह सासू अब तो बलमा मेरा है,
जब तक तुमने दूध पिलाया तब तक बेटा तेरा था।
दूध पिला कर बड़ा किया, अब ये बलमा मेरा है,
बेटा-बेटा मत कह सासू, अब तो बलमा मेरा है।।
जब तक तुमने पढ़ाया-लिखाया तब तक बेटा तेरा था,
पढ़ा-लिखा कर बड़ा किया, अब ये बलमा मेरा है।
बेटा-बेटा मत ......
जब तक खेले था गलियों में, तब तक बेटा तेरा था,
अब जाता है सर्विस पे, अब ये बलमा मेरा है।
बेटा-बेटा मत ......
जब तक पहने था निक्कर बुशर्ट तब तक बेटा तेरा था,
अब पहने है सूट-टाई, अब ये बलमा मेरा है।
बेटा-बेटा मत ......
जब तक तुमने दूध पिलाया, तब तक बेटा तेरा था,
दूध पिला कर बड़ा किया, अब ये बलमा मेरा है।
बेटा-बेटा मत ......
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जकडी-9
सास मेरी माड़ी होगी, बहुआं कै आनै सै।
सास तनै के खाया था, जेठ कै होनै पै,
बहू री मनै गन्ने खाए, बेटा कै होनै पै,
जदी तो यो लम्बा होग्या, गन्ना कै खाना सै।
सास तनै कै खाया था, देवर कै होनै पै,
बहू री मनै काजू खाए, बेटा कै होनै पै,
तभी तो यो धौला होग्या, काजू कै खानै सै।
सास तनै कै खाया था, ननदी कै होनै पै,
बहू री मनै मिर्ची खाई, ननदी कै होनै पै,
तभी तो या बिजली होगी, मिर्ची कै खानै पै।
सास तनै कै खाया था, बालम कै होनै पै,
बहू री मनै गोला खाया, तेरे बलमा कै होनै पै,
तभी तो यो भोला रह गया, गोला कै खाने सै।
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जकडी-10
आया रे आया रे नया जमाना आया रे
आया है जमाने पे नया जमाना देखो रे
आजकल की बुढ़िया चाय नहीं पीती
लाया लाया लाया रे बुड्ढा थम्सअप लाया रे
पी गई पी गई बुढ़िया थम्सअप पी गई रे
आया आया रे........
आजकल की बुढ़िया नहाना नहीं जानती
लाया लाया लाया रे बुड्ढा शाॅवर लाया रे
नहाये नहाये रे बुढ़िया शाॅवर से नहाये रे
आया आया रे ........
आजकल की बुढ़िया खाना नहीं खाती
ले गया ले गया ले गया रे बुड्ढा होटल ले गया रे
खा गई खा गई रे बुढ़िया ढोसा खा गई रे
आया आया रे ........
आजकल की बुढ़िया मन्दिर नहीं जाती
ले गया ले गया रे ले गया रे बुड्ढा पिक्चर ले गया रे
देखे देखे रे बुढ़िया पिक्चर देखे रे
आया आया रे .......
आजकल की बुढ़िया साड़ी नहीं पहनती
लाया लाया रे लाया रे बुड्ढा मैक्सी लाया रे
पहने पहने रे बुढ़िया मैक्सी पहने रे
आया है जमाने पे नया जमाना देखो रे
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जकडी-11
काली किनारी साड़ी लाल नीले जम्फर वाली
मैने कहा था गोरी बागो में आना
फिर भी न आई दिलदार नीले जम्फर वाली
काली किनारी साड़ी लाल नीले जम्फर वाली
मैने कहा था गोरी माल में आना
मैने कहा था गोरी पिक्चर में आना
फिर भी तू न आई दिलदार नीले जम्फर वाली
मैने कहा था गोरी महलों में आना,
जकडी-12
ओ हो मोरे सैंया, पडूँ मैं तेरे पैंया,
उमर सोलह साल की, ला दो ना जलेबी रोशन लाल की,
जब से गौरी शादी हुई है, नहीं लगी नौकरिया,
जब गौरी लग जाए नौकरिया, ला दूँगा जलेबी रोशन लाल की।
ओ हो मोरे .............
जब से गौरी गौना हुआ है नहीं लगी नौकरिया,
जब लग जाए नौकरिया, ला दूँगा जलेबी रोशन लाल की।
ओ हो मोरे .............
जब से गौरी बेटी हुई है नहीं लगी नौकरिया,
जब लग जाए नौकरिया, ला दूँगा जलेबी रोशन लाल की।
ओ हो मोरे .............
अब रे गौरी घर में बेटा हुआ है,
मुझे मिल गई नौकरिया,
अब तो खिलाऊँ जलेबी, रोशन लाल की
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जकडी-13
केले की होइये सगाई षकरकंदी नाचन को आई
मूली बेचारी के खम्भे गढ़े हैे, गोभी के तन गये तम्बू
षकरकंदी नाचन को आई
पौदीने बिचारे का बिछौना बिछा है, घिया के लग रहे सिराने
षकरकंदी नाचन को आई
भिण्डी बेचारी के लड़का हुआ है, तोरी तो बनी उसकी दाई
षकरकंदी नाचन को आई
टमाटर बिचारे ने छुछक दिया है, टिण्डा तो बना उसका नाई
षकरकंदी नाचन को आई
आलू कचालू की हुई ऐ लड़ाई, बैंगन ले देई उगाई
षकरकंदी नाचने को आई
केले की होइये सगाई, षकरकंदी नाचने को आई
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जकडी-14
मेरा नौ तोले का हार, सास तनै दिया ननंद कै घाल,
सास तू के बोलै।
बहू इतनी ज्यादा बोलै ना, इतनी तू ठाडे की ना,
चाहे मैं ठाडे की ना, पर तेरै सै हीनै की भी ना,
तेरै एक छोटी सी छाँत, छाँत पर फूस नहीं है घास।
सास तू के बोलै। मेरा नौ तोले.................
बहू इतनी ज्यादा बोलै ना, इतनी तू ठाडे की ना,
चाहे मैं ठाडे की ना, पर तेरै सै हीनै की भी ना,
कमरै कमरै बैड लग रहा, माचाँ की म्हारै गिनती ना,
तेरै एक छोटी सी खाट, खाट न दिया छात मै घाल।
सास तू के बोलै। मेरा नौ तोले.................
बहू इतनी ज्यादा बोलै ना, इतनी तू ठाडे की ना,
पाँच-सात म्हारै नौकर-चाकर, भाइयां की म्हारै गिनती ना,
तेरै एक छोटा सा लाल, लाल नै दिया फौज मै घाल।
सास तू के बोलै। मेरा नौ तोले.................
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जकडी-15
मैं अंग्रेजी पढ़ी-लिखी, मेरे करम फूट गए मम्मी जी।
सास कहे बहू खाना बनाओ, खाना बनावो बहू जी,
खाना बनाने मैं गई, मेरा पल्लू जल गया मम्मी जी,
मैं अंग्रेजी.............
सास कहे बहू बर्तन मांजो, बर्तन मांजो बहू री,
बर्तन मांजने मैं गई, मेरी घड़ी टूट गई मम्मी जी,
मैं अंग्रेजी.............
सास कहे बहू झाडू लगावो, झाडू लगावो बहू री,
झाडू लगाने मैं गई, मेरा पैर टूट गया मम्मी जी,
मैं अंग्रेजी.............
सास कहे बहू पैर दबावो, पैर दबावो बहू री,
पैर दबाने मैं गई, मैंने गरदन दबा दी मम्मी जी,
मैं अंग्रेजी.............
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जकडी-16
गम्मे राजा गम्मे, गम्मे मैं जान गँवा दूँगी
जो मेरा ससुरा करै प्यार सब तीरथ करा दूँगी
जो मेरा ससुरा करै लड़ाई थानै में बंद करा दूँगी
जो मेरी सासू राजी बोलै हाथ-पैर दबा दूँगी
जो मेरी सासू करै लड़ाई रोटी को तरसा दूँगी
गम्मे राजा गम्मे, गम्मे मैं जान गँवा दूँगी
जो मेरा जेठा करै लड़ाई खाट बाहर बिछा दूँगी
जो मेरी जिठानी करै लड़ाई चूल्हा न्यारा करवा दूँगी
गम्मे राजा गम्मे, गम्मे मैं जान गँवा दूँगी
जो मेरी ननदी करै प्यार जल्दी ब्याह करवा दूँगी
जो मेरी ननदी करै लड़ाई पीहर आना-जाना छुड़ा दूँगी
गम्मे राजा गम्मे, गम्मे मैं जान गँवा दूँगी
जो मेरा देवर करै प्यार छोटी बहन ब्याह दूँगी
जो मेरा देवर करै लड़ाई कालिज जाना बंद करा दूँगी
गम्मे राजा गम्मे, गम्मे मैं जान गँवा दूँगी
जो मेरा राजा करै प्यार सेज बिछा दूँगी
जो मेरा राजा करै लड़ाई दूजा ब्याह करा दूँगी
गम्मे राजा गम्मे, गम्मे मैं जान गँवा दूँगी
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जकडी-17
सुरमा बिकन को आयो रे, सुरमा ले लो बढ़िया।
बहू बेटियों ने अठन्नी का लिया
बुढ़िया ने नोट तुड़वाया रे। सुरमा बिकन...............
बहू बेटियों ने सलाईयों से डाला,
बुढ़िया ने मूसल घुमाया रे। सुरमा बिकन...............
बहू बेटियों ने तो शीशों में देखा,
बुढ़िया ने बूढ़ा पटाया रे। सुरमा बिकन...............
जकडी-18
मेरा नौकरी गया ओ भरतार, एकली नै छोड़ गया
दिन छिप गया हो गई रात, पिया कै बिना रोशनी नहीं।
मैं तो खड़ी ए महल कै बीच, चारों ओर देख रही,
मेरा कठै ना दिखा भरतार, के ठाडी रोए पड़ी।
मेरी सासड़ बूझै मेरी बात, बहू ए आज किससे लड़ी,
सासू नौकरी गया ओ तेरा लाल, एकली नै छोड़ गया।
मनै ग्यारा को गेरा तार, चिट्ठी तो गेरी कागज की,
पिया जल्दी सै जल्दी आ, रोवै सै तेरी फूलझड़ी।
छुट्टी दे दो ना सरकार, नौकरी मैं करुँगा नहीं,
मेरी रोवै सै फूलन्दे नार, इब मैं डटँूगा नहीं।
मेरा छुट्टी आया भरतार, पोल्याँ मैं उसकी माँ बैठी,
माता दिखै और सारा परिवार, दिखै तो कोनी फुलझड़ी,
मैं तो ना समझी रे मेरा लाल, क्यांनै तू बोलै फुलझड़ी,
माता आजकल के छोरे बदमाश, बहुआं नै बोलै फुलझड़ी।
बेटा बाप तेरो ल्यायो ब्याह, कदे ना बोल्या फुलझड़ी।
बेटा सीधे महल मैं जाए, महलां मैं तेरी फुलझड़ी।
उसनै धरा पिलंग पर पाँव, के ठाडी रोए पड़ी,
गोरी साचम-साच बताए, आज तन्नै कौन लड़ी,
पिया सास लड़े या दिन रात, ननद चाली आज लड़ी।
मत रोवै मेरी कमला नार, मत रोवै मेरी फुलझड़ी,
तन्नै ले चालूँ अपने साथ, छोडूं ना तन्नै एक घड़ी।
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जकड़ी (भूरी-भूरी पिण्डी री सासू) - 19
मेरी भूरी-भूरी पिण्डी री सासू कारी जुराब,
मैंने पहले सैंडिल पहरे री सासू पाछे जुराब।
मैं गद्-गद् महला चढ़ गई री सासू कर गुमान,
मैं घाल खटोला सो गई री, सासू ढक रुमाल।।
ये पुरवा-पछवा चाली री सासू, उड़ गया रुमाल,
बाहर से छैला आया री माता, कित गई नार।
वाकी भूरी-भूरी पिण्डी बेटा रे, कारी जुराब,
वाने पहले सैंडिल पहरे रे बेटा पाछै जुराब।।
वो गद्-गद् महला चढ़ गई रे बेटा करके गुमान,
वो घाल खटोला सो गई रे बेटा ढक रुमाल।
ये पुरवा-पछमा चाली रे बेटा उड़ गया रुमाल,
तू सोच-समझ के चढ़िये रे बेटा बहू सै नादान।।
ऊपर से नीचे पटकै रे बेटा हो जाए नुकसान,
गोड़े की पारी बेटा टूटै रे चैबे के दाँत।
तनै कोनी पढ़नै बिठाया री सासू रह गया नादान,
मनै अब तक गुड़िया खेली री सासू हो गई जवान।।
तनै खट्टी लस्सी पियाई री सासू रह गया नादान,
मनै कच्चा दूध पीया री सासू खाई मेवा हो गई जवान।
तू दस दिन पीहर चल जा री सासू मैं करदूँ जवान,
तू वापस जब आवै री सासू खड़ा देखै जवान।।
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