रतिजगा सवेरे के गीत

गीत देवतां का

चोदस का नौन्तया देवता मावस न आइयो जी
आइयो सवेरी देवता जाइयो अबेरी जी
भूखा-भूखा आइयो थे धाप्या-धाप्या जाइयो जी
उगाना-उगाना आइयो थे पैरया ओढ़ा जाइयो जी
खीर खांड का देवता भोजन पाईयो जी
पान-सुपारी देवता लेवो नी तमोल जी
पग मोड़ै घुडलै चढै, थानै परियल देवै आशीश जी
लदो बदो थे पुतां फलियो, दियो भाइयां में सीर जी
थामनै मनावण म्हारा रामचन्द्र आवै जी
तीखै सै घूँघट उनकी गौरी धन आवै जी
हाथों में चुड़लै उनकी गोरी धन आवै जी
थामनै मनावण म्हारा हरीश आवै जी
गोद झडूल उनकी गोरी धन आवै जी
पीले रे भेस उनकी मायड़ आवै जी
चोदस का नौन्तया देवता मावस न आईयो जी
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